भोपाल: कोरोना संक्रमण के इस दौर में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे टि्वटर, फेसबुक, व्हाट्सएप के जरिए असामाजिक तत्व अफवाह फैलाने से बाज नहीं आते हैं। जिसके चलते न केवल कानून व्यवस्था बिगड़ने का अंदेशा भी होता है बल्कि इससे जनमानस को नुकसान भी पहुंच सकता है। यही वजह है कि राजधानी भोपाल के कलेक्टर अविनाश लवानिया ने धारा 144 के तहत संपूर्ण जिले के लिए आदेश जारी किया है कि कोई भी व्यक्ति या समूह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर किसी भी प्रकार की भ्रामक खबर वीडियो ऑडियो फोटो मीम जो असत्य हो और जिस के तथ्यों की पुष्टि नहीं की गई हो न खुद भेजेंगे न शेयर करेंगे।
कलेक्टर ने साथ ही यह भी आदेश जारी किया है कि कोई भी ऐसी चीज जो किसी समुदाय और धर्म के प्रति अपमानजनक भेदभाव पूर्ण हो जो आम जनता में पेनिक भय संशय भ्रांति की स्थिति पैदा करें उसे न स्वयं भेजेंगे न शेयर करेंगे। ऐसा करने पर धारा 188 के अंतर्गत सूचना और प्रौद्योगिकी एक्ट के अन्य प्रावधानों के तहत वैधानिक कार्यवाही की जाएगी।
भोपाल कलेक्टर के आदेश के मुताबिक महामारी के चलते समय-समय पर प्रशासन और सरकार द्वारा अनेक कदम उठाए गए हैं और प्रयास किया जा रहा है कि संक्रमण के फैलाव को कम किया जाए। जो लोग संक्रमित हैं उन्हें अस्पतालों में यथोचित स्वास्थ्य लाभ मिल सके। लेकिन यह जानकारी मिलती है कि लोग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर गलत खबरें, झूठी और आपत्तिजनक संदेश, वीडियो और तस्वीरें फैलाते हैं जिसके चलते जनता के बीच बिना वजह पैनिक के हालात पैदा होते हैं और सरकारी मशीनरी के प्रति उत्तेजनाएं पैदा करने का भी प्रयास होता है। इस प्रकार के संदेश विभिन्न समुदाय की भावनाओं को भड़काने की भी कोशिश करते हैं जिससे कानून व्यवस्था बिगड़ सकती है और मानव स्वास्थ्य रक्षा और शांति के लिए भी खतरा पैदा हो सकता है।