इंदौर: कोविड-19 के इलाज में इस्तेमाल होने वाले रेमडेसिविर इंजेक्शनों की कालाबाजारी के आरोप में इंदौर में गिरफ्तार 27 वर्षीय ड्राइवर के सनसनीखेज दावे का वीडियो बुधवार को सोशल मीडिया पर फैलने के बाद सियासत गरमा गई। आरोपी का इस वीडियो में कहना है कि उसे ये इंजेक्शन एक निजी ट्रैवल एजेंसी के उस साथी ड्राइवर से मिले थे जो प्रदेश के जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट की पत्नी की कार चलाता है। सिलावट, कोविड-19 से राज्य में सर्वाधिक प्रभावित इंदौर जिले में महामारी की रोकथाम के प्रभारी मंत्री भी हैं।
मंगलवार शाम का बताया जा रहा वीडियो
वायरल वीडियो पर मचे बवाल के बीच सिलावट ने रेमडेसिविर की कालाबाजारी करने वाले लोगों से अपने परिवार के किसी जुड़ाव से इनकार किया और कहा कि वायरल वीडियो में आरोपी के दावे की ‘निष्पक्ष जांच’ होनी चाहिए। उधर, विपक्षी कांग्रेस ने इस वीडियो का हवाला देते हुए सिलावट को जल संसाधन मंत्री पद से फौरन हटाए जाने की मांग की है। वीडियो में पुनीत अग्रवाल (27) रेमडेसिविर की कालाबाजारी के आरोप में अपनी गिरफ्तारी के बाद पुलिस की गाड़ी में हथकड़ी पहना बैठा दिखाई दे रहा है। चश्मदीदों के मुताबिक यह वीडियो मंगलवार शाम का है।
‘कई लोगों को मुहैया कराए इंजेक्शन’
पत्रकारों के सवालों पर अग्रवाल वीडियो में कहता सुनाई पड़ता है, ‘मैंने एक निजी ट्रैवल एजेंसी के मेरे साथी ड्राइवर गोविंद राजपूत से 14,000-14,000 रुपये में रेमडेसिविर के 2 इंजेक्शन लिए थे। वह मंत्री तुलसीराम सिलावट की पत्नी की गाड़ी चलाता है। मैं एक पुलिसकर्मी ललित शर्मा को 14,000 रुपये प्रति इंजेक्शन की ही कीमत पर दोनों इंजेक्शन देने जा रहा था। शर्मा ने फोन कर मुझसे इंजेक्शन की मांग की थी।’ अग्रवाल ने यह दावा भी किया कि मंत्री की पत्नी की गाड़ी चलाने वाले राजपूत ने उसके अलावा कई लोगों को रेमडेसिविर इंजेक्शन मुहैया कराए हैं।
‘आरोपी के बयानों की बारीकी से जांच कर रहे हैं’
विजय नगर पुलिस थाने के प्रभारी तहजीब काजी ने बताया कि एक निजी ट्रैवल एजेंसी में ड्राइवर के रूप में काम करने वाले पुनीत अग्रवाल (27) को सोमवार की रात रेमडेसिविर के 2 इंजेक्शनों के साथ गिरफ्तार किया गया था। वह एक स्थानीय अदालत के आदेश पर गुरुवार तक पुलिस हिरासत में है। उन्होंने अग्रवाल के वायरल वीडियो पर कहा, ‘आरोपी खुद को कानूनी पचड़ों से बचाने के लिए जान-बूझकर बड़ी हस्तियों का नाम ले रहा है ताकि लोगों को बरगलाया जा सके। हालांकि, हम उसके बयानों की बारीकी से जांच कर रहे हैं।’
‘अग्रवाल के बयान की निष्पक्षता से जांच हो’
काजी ने कहा, ‘हमने अग्रवाल को जाल बिछाकर पकड़ा था और जिस पुलिसकर्मी (ललित शर्मा) का नाम वह अपने वायरल वीडियो में ले रहा है, वह उसकी गिरफ्तारी के अभियान में शामिल था।’ थाना प्रभारी ने बताया कि मंत्री सिलावट की पत्नी की कार चलाने वाले निजी ट्रैवल एजेंसी के ड्राइवर गोविंद राजपूत को पूछताछ के लिए फिलहाल हिरासत में नहीं लिया गया है। इस बीच, सिलावट ने वायरल वीडियो के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘अग्रवाल के बयान की निष्पक्षता से जांच होनी चाहिए। मेरी पत्नी की कार निजी ट्रैवल एजेंसी के अलग-अलग कर्मचारी चलाते हैं। उनके अवैध कामों से हमारे परिवार का कोई लेना-देना नहीं है।’
‘सिलावट को अपने मंत्रिमंडल से हटाएं शिवराज’
उधर, स्थानीय कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला ने कहा, ‘मैं सिलावट के परिवार पर रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचे जाने का आरोप पहले ही लगा चुका हूं और वायरल वीडियो में अग्रवाल के बयान से अब यह बात साबित हो चुकी है। लिहाजा राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को चाहिए कि वह सिलावट को अपने मंत्रिमंडल से तत्काल हटा दें।’ पुलिस ने बताया कि गिरफ्तारी से पहले अग्रवाल जिला स्वास्थ्य अधिकारी पूर्णिमा गाडरिया की वह कार चलाता था जो स्वास्थ्य विभाग में निजी ट्रैवल एजेंसी द्वारा अन्य वाहनों के साथ अनुबंधित है। गाडरिया पल्ला झाड़ते हुए कह चुकी हैं कि रेमडेसिविर की कालाबाजारी के मामले से उनका कोई लेना-देना नहीं है।