मध्य प्रदेश के डिंडोरी जिले में एक पटवारी ऐसा भी है जिसने अपनी मां को ही दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर कर दिया है। बेटे ने साजिश के तहत जमीन जायदाद अपने नाम कर ली और बूढ़ी मां को बेघर कर दिया। जिले के अमरपुर विकासखण्ड के अलोनी गांव की 70 वर्षीय विमला बाई ने बताया कि मेरा एकलौता बेटा पटवारी है। उसने बीमार पिता से षड्यंत्र कर दस्तखत करवाकर जमीन जायदाद अपने नाम कर ली। इसके बाद घर में ताला लगा दिया जिससे मैं बेघर हो चुकी हूं। उन्होंने कहा, 70 साल की उम्र में बेटियों के घर जा-जाकर रहने को मजबूर हूं। न तो पुलिस सुन रही है, और न अधिकारी। वहीं, दूसरी तरफ पुलिस कह रही है कि मामले की जांच जारी है।
इकलौते बेटे ने घर से निकाला
3 महीने से अधिकारियों के चक्कर लगा रही विमला बाई बेहद परेशान और लाचार है। विमला बाई का एक बेटा अविनाश कुरसेनगा, बेटी अंजू, अर्चना और हर्षलता है। सबकी शादी हो चुकी है। पति हरेराम कुरसेनगा लकवा से ग्रसित थे, उनकी 2020 में मौत हो चुकी है। वह बताती है कि बेटे अविनाश ने आदिवासी लड़की से लव मैरिज की इसके बाद भी हम लोगों ने उसे अपनाया। उसकी रीति रिवाज से फिर से शादी करवाई गई। मेरे पति हरेराम ने 21 साल तक फौज में सेवा की। इसके बाद 17 साल बीएसएनएल में सेवा दी और रिटायरमेंट के बाद अपने गांव अलोनी में आकर रहने लगे।
पीड़िता ने पुलिस पर लगाया ये आरोप
उन्होंने बताया, ''पति ने अमरपुर में किराए का मकान ले लिया था और वही रहते थे। अविनाश उस समय शहपुरा तहसील में पदस्थ था वो बहला-फुसलाकर अपने पिता को साथ ले गया। हमें तो पता ही नहीं चला कि कब उसने दस्तखत करवा लिए। 2020 में पति की मौत के बाद मैंने फौतीनामा कटवाने के लिए कहा तो उसने बताया कि पिता जी सब प्रॉपर्टी मेरे नाम कर गए है। धीरे धीरे वह घर से सामान भी ले गया। मैं अपनी बेटी के घर गई हुई थी तब उसने घर पर ताला लगा दिया। मैंने इसकी शिकायत अमरपुर पुलिस चौकी में पुलिस अधीक्षक कार्यालय और कलेक्टर से की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। अब मैं बीमार हूं। भोपाल अपनी बेटी के पास जा रही हूं।''
अपने बेटे से पीड़ित एक 70 वर्षीय मां ने पुलिस और प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है। अब देखना होगा कि इस दुखियारी वृद्ध महिला को कब तक न्याय मिल पाता है।
(रिपोर्ट- दीपक नामदेव)
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