मध्य प्रदेश के डिंडोरी के जिला अस्पताल में सरकार ने लाखों रुपयों की लागत से डीप फ्रीजर इसलिए खरीदकर दिए थे, ताकि सड़क हादसों या अन्य कारणों से मृत लोगों के शवों को कुछ समय के लिए सुरक्षित रखा जा सके। इन शवों का पोस्टमार्टम सुरक्षित तरीके से हो सके, लेकिन मोर्चरी वार्ड में रखे डीप फ्रीजर लापरवाही की भेंट चढ़ गए हैं।
शवों को रात में खुले में रखना पड़ रहा
डिंडोरी के जिला अस्पताल में डीप फ्रीजर पिछले कई महीनों से बंद पड़े कबाड़ हो रहे हैं और पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी लाए जाने वाले शवों को रात में खुले में ही रखना पड़ रहा है, जिससे शवों को चूहे या अन्य जीव जंतु नुकसान पहुंचा सकते हैं। कई बार देखने में यह भी आया है कि अज्ञात शवों की शिनाख्त के लिए 24 घंटे तक सुरक्षित रखा जाता है, लेकिन यहां शवों के सुरक्षित होने की कोई गारंटी नहीं है।
नाले का मलवा मोर्चरी के डीप फ्रीजर के सामने
लिहाजा शवों से दुर्गंध आने लगती है, जिससे मृतक के परिजनों को भारी परेशानियां उठानी पड़ रही हैं, जबकि डीप फ्रीजर की देखरेख का जिम्मा स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदारों के ऊपर है, लेकिन देखा जा रहा है कि स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदारानों की ओर से लापरवाही बरती जा रही है। अस्पताल के बिजली विभाग के कर्मचारी की मानें तो किसी निर्माण कार्य के दौरान ठेकेदार ने 4-5 महीने पहले नाले से मलवा निकालकर मोर्चरी में रखे डीप फ्रीजर के सामने रखवा दिया था, तभी से नाले का मलवा मोर्चरी के डीप फ्रीजर के सामने ही पड़ा हुआ है। हैरत की बात यह है कि किसी जिम्मेदार अधिकारी ने इस तरफ झांकने की कोशिश भी नहीं की।
- दीपक नामदेव की रिपोर्ट