![Digvijaya Singh, Digvijaya Singh Kamal Nath, Digvijaya Singh Madhya Pradesh](https://static.indiatv.in/khabar-global/images/new-lazy-big-min.jpg)
भोपाल: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने मंगलवार को कहा कि उन्हें उम्मीद नहीं थी कि कमलनाथ, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और मुख्यमंत्री के रूप में मध्य प्रदेश में इतनी मेहनत करेंगे। प्रदेश में आगामी उपचुनाव में कांग्रेस के रणनीति के बारे में पूछे जाने पर सिंह ने मंगलवार रात को छिंदवाड़ा में कहा, ‘कमलनाथ जी बहुत मेहनत कर रहे हैं और मुझे यह उम्मीद नहीं थी कि वह इतनी मेहनत मध्य प्रदेश में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और मुख्यमंत्री के रूप में करेंगे।’
‘लोगों को भरोसा ही नहीं होता था’
दिग्विजय ने आगे कहा, ‘लोगों को यह भरोसा नहीं होता था कि कमलनाथ जी भोपाल में रह पाएंगे कि नहीं रह पाएंगे लेकिन वह अपेक्षा से अधिक समय दे रहे हैं, खूब मेहनत कर रहे हैं। तबीयत खराब हो जाती है, उसके बाद भी सब लोगों से मिल रहे हैं और हमें उनके नेतृत्व में पूरा विश्वास है।’ पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए विधायकों पर तंज कसते हुए सिंह ने कहा, ‘मुझे विश्वास है कि पार्टी के साथ गद्दारी करने वालों को जनता सबक सिखाएगी और उप चुनाव में उन्हें हरा देगी।’
‘नकली घोषणाएं करते हैं चौहान’
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा प्रदेश की सरकारी नौकरियां केवल मध्य प्रदेश के मूल निवासी युवाओं को देने की घोषणा पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री सिंह ने कहा, ‘चौहान को नकली घोषणा करने की आदत है। जब तक इस संबंध में गजट अधिसूचना जारी नहीं होती वह इस घोषणा पर भरोसा नहीं कर सकते।’ वर्ष 1993 से 2003 तक मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे कांग्रेस नेता सिंह ने कहा कि उनके कार्यकाल में उन्होंने नियम बनाया था कि मध्य प्रदेश से 10वीं और 12वीं पास करने वाले युवाओं को प्रदेश में सरकारी नौकरी दी जाएगी।
‘बीजेपी ने 15 साल में कुछ नहीं किया’
दिग्विजय ने आगे कहा कि लेकिन इसके बाद आई भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने इस नियम को बदल दिया और अन्य प्रदेशों के युवाओं को मध्यप्रदेश में नौकरियां मिलने लगी। सिंह ने कहा कि देश के उद्योगपति पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के नेतृत्व पर भरोसा कर प्रदेश में निवेश कर रहे थे, लेकिन वे अब रुक गये हैं क्योंकि वर्तमान बीजेपी सरकार पर वह भरोसा नहीं करते क्योंकि इसने 15 साल के शासन काल में कुछ नहीं किया। (भाषा)