दिग्विजय सिंह के भाई और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता लक्ष्मण सिंह ने ईवीएम पर बढ़ते विवाद के बीच कहा है कि कांग्रेस पार्टी ही ईवीएम लेकर आई थी, इस पर सवाल उठाना कहीं से भी उचित नहीं है। उन्होंने इसके साथ ही कई और मुद्दों पर पत्रकारों के सवालों का जवाब दिया। एनसीईआरटी की किताबों में बाबरी मस्जिद के विषय को हटाने का मामला तूल पकड़ रहा है। इस विषय पर तमाम राजनीतिक दल के नेताओं की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। लक्ष्मण सिंह ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि क्या बच्चों को ये बताना चाहेंगे कि मुगलों ने हमारे मंदिर को तोड़ा था। बच्चों को यह इतिहास पढ़ना चाहिए कि वहां पर राम मंदिर था। एनसीईआरटी की किताब से अगर बाबरी मस्जिद के विषय को हटाया गया है तो कोई गलत नहीं है। जो सच है वही बच्चों को बताया जाना चाहिए।
कांग्रेस में नेतृत्व परिवर्तन की मांग पर क्या कहा?
लोकसभा चुनाव में मध्य प्रदेश में कांग्रेस की करारी हार के बाद प्रदेश कांग्रेस में नेतृत्व परिवर्तन की मांग पर लक्ष्मण सिंह ने कहा कि नेतृत्व परिवर्तन नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि ब्लॉक स्तर तक हमें समितियां बनानी चाहिए। समितियां जो भी फैसला करे, उस पर निर्णय लेना चाहिए, ना कि बंद कमरे में 10-12 लोगों को बिठाकर कोई निर्णय लें।
'कांग्रेस सरकार की ही देन है EVM'
ईवीएम पर उठ रहे सवालों पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए लक्ष्मण सिंह ने कहा कि हमारी ही पार्टी ईवीएम लेकर आई थी। जब ईवीएम को लाया गया था तब सोनिया गांधी यूपीए की चेयरपर्सन थी। इसलिए उस पर सवाल नहीं उठाना चाहिए। उन्होंने कहा, ''ईवीएम पर प्रश्न खड़ा करना ठीक नहीं, ये कांग्रेस सरकार की ही देन है। सेंट्रल फोर्सेस की मौजूदगी में ईवीएम में गड़बड़ी नहीं हो सकती है।'' वहीं एलन मस्क को नसीहत देते हुए उन्होंने कहा कि वह अपने देश की चिंता करें, यहां की नहीं।
खरगे को दी नसीहत
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष खरगे के सोशल मीडिया एक्स (पूर्व में ट्विटर) पोस्ट पर उन्होंने कहा कि सरकार को गिराने की न सोचें। आप बड़े और वृद्ध नेता हैं। लक्ष्मण सिंह ने खड़गे को नसीहत देते हुए कहा कि पांच साल तक मेहनत करें ताकि हम पांच साल बाद अपनी सरकार बनाएं।
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