मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए चंद रोज बाकी हैं। उससे पहले राज्य में सीट शेयरिंग को लेकर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच घमासान हो गया। I.N.D.I.A. के इन दोनों घटक दल के बीच जुबानी जंग से विपक्षी गठबंधन पर सवाल उठ रहे हैं। इस बीच, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ मध्य प्रदेश चुनाव के लिए अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी के साथ पूरी ईमानदारी के साथ गठजोड़ करना चाहते थे, लेकिन उन्हें नहीं पता कि इस मुद्दे को लेकर बातचीत कैसे पटरी से उतर गई।
कमलनाथ के शब्दों के चयन पर जताई असहमति
दिग्विजय सिंह ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की उनके नेतृत्व के गुणों के लिए प्रशंसा की और कमलनाथ द्वारा उनके लिए शब्दों के चयन पर असहमति भी जताई। उन्होंने कहा कि उन्होंने कमलनाथ को सपा के लिए चार विधानसभा सीटें छोड़ने का सुझाव दिया था, जबकि सपा आधा दर्जन सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारना चाहती थी। भोपाल में अपने आवास पर पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कांग्रेस और सपा के बीच सीटों की लड़ाई को कम करने की कोशिश की। यह लड़ाई कांग्रेस द्वारा I.N.D.I.A. गठबंधन के घटक होने के बावजूद सपा को कोई विधानसभा सीट आवंटित नहीं करने के बाद छिड़ गई है।
"गठबंधन सहयोगियों के बीच दोस्ताना झगड़े होते हैं"
कांग्रेस नेता ने कहा, "यह ठीक है कि गठबंधन सहयोगियों के बीच दोस्ताना झगड़े होते रहते हैं, लेकिन मैं जानता हूं कि सपा और अखिलेश कभी भी बीजेपी के साथ नहीं जाएंगे।" पिछले हफ्ते मध्य प्रदेश में गठबंधन नहीं करने के लिए सपा अध्यक्ष द्वारा कांग्रेस नेतृत्व की आलोचना करने के बाद गठबंधन के मुद्दे पर मीडियाकर्मियों के सवालों का जवाब देते हुए कमलनाथ ने कथित तौर पर कहा था, "छोड़िए अखिलेश वखिलेश।" दिग्विजय सिंह ने कमलनाथ द्वारा अखिलेश यादव की आलोचना को नामंजूर कर दिया। दिग्विजय सिंह ने कहा, "मुझे नहीं पता कि कमलनाथ ने ऐसा कैसे कहा। I.N.D.I.A. गठबंधन के किसी नेता के बारे में ऐसी प्रतिक्रियाओं से बचना चाहिए।"
"सपा से गठबंधन को लेकर कांग्रेस के भीतर चर्चा हुई थी"
उन्होंने कहा कि 230 सदस्यीय विधानसभा के चुनाव के लिए सपा के साथ गठबंधन को लेकर कांग्रेस के भीतर चर्चा हुई थी। दिग्विजय सिंह ने कहा कि कमलनाथ ने दीप नारायण यादव के नेतृत्व वाले सपा नेताओं के साथ चर्चा के लिए कांग्रेस नेता अशोक सिंह को मेरे पास भेजा था। भोपाल में मेरे निवास पर हमारी चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि 2018 के चुनाव में सपा एक सीट बिजावर बुंदेलखंड क्षेत्र में जीती थी और दो अन्य सीटों पर वह दूसरे स्थान पर थी। सपा छह सीटें चाहती थी और मैंने कमलनाथ को सपा के लिए चार सीटें छोड़ने का सुझाव दिया था। उन्होंने कहा कि बाद में मामला कांग्रेस कार्य समिति और पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के पास गया, लेकिन उन्होंने सपा के साथ गठबंधन का मुद्दा राज्य नेतृत्व पर छोड़ दिया।
"I.N.D.I.A. गठबंधन लोकसभा चुनाव एकजुट होकर लड़ेगा"
दिग्विजय सिंह ने कहा कि I.N.D.I.A. गठबंधन अगला लोकसभा चुनाव एकजुट होकर लड़ेगा, लेकिन साथ ही कहा कि राज्यों के चुनाव से जुड़े मुद्दे अलग होते हैं। उन्होंने कहा, "मुझे नहीं पता कि मध्य प्रदेश में गठबंधन की बात कहां पटरी से उतर गई, लेकिन जहां तक कमलनाथ का सवाल है तो मैं कह सकता हूं कि वह पूरी ईमानदारी के साथ सपा के साथ गठबंधन करना चाहते थे।" सपा ने मध्य प्रदेश में दो दर्जन से अधिक सीटों पर अपने प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है। कांग्रेस नेता ने सपा संरक्षक और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत मुलायम सिंह यादव के साथ अपने मजबूत संबंधों को याद किया। जब दिग्विजय सिंह को बताया गया कि लखनऊ में भावी प्रधानमंत्री के रूप में अखिलेश यादव के पोस्टर लगे हैं, तो उन्होंने इस मामले से अनभिज्ञता जाहिर की।