देवास: मध्य प्रदेश से कांग्रेस के राज्यसभा सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने एक बार फिर बजरंग दल पर निशाना साधा है। देवास में पत्रकारों से बातचीत के दौरान दिग्विजय सिंह ने कहा, "बजरंग दल जैसे भ्रष्ट, बेईमान और अराष्ट्रीय संगठन की उन्होंने बजरंगबली के साथ तुलना की है। इस बयान से हमारी आत्मा को हमारे धर्म को ठेस पहुंची है। इसके लिए भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को माफ़ी मांगनी पड़ेगी।"
पीएम मोदी पर दर्ज को मुकदमा- दिग्विजय सिंह
कर्नाटक के चुनाव में बजरंगबली के नाम का इस्तेमाल करने पर दिग्विजय सिंह ने कहा, "चुनाव में माडल कोड ऑफ कंडक्ट लगता है, इलेक्शन कमीशन पालन करता है,साथ में पीपल रिप्रेजेंटेशन एक्ट लगता है। इसके तहत कोई भी धर्म के नाम पर वोट नहीं मांगेगा। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं कि बजरंगबली की जय बोलकर बटन दबाओ। इससे साफ़-साफ़ पीपल रिप्रेजेंटेशन एक्ट का उल्लंघन है। इसके लिए उन पर कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए, उन पर मुकदमा दायर होना चाहिए।
हमें चुनाव आयोग की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिन्ह लगाना पड़ रहा- दिग्विजय सिंह
दिग्विजय सिंह ने कहा कि हमें चुनाव आयोग की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिन्ह लगाना पड़ रहा है। चुनाव आयोग ने सोनिया गांधी को नोटिस भेज दिया जोकि केवल कॉन्पिटिशन की बात कह रही थीं लेकिन आयोग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कोई नोटिस नहीं भेजा। बता दें कि कर्नाटक के चुनाव के दौरान कांग्रेस पार्टी ने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया था, जिसमें लिखा था कि सोनिया गांधी ने 6:30 करोड़ कन्नड़ लोगों को एक कड़ा संदेश दिया है। कांग्रेस किसी को भी कर्नाटक की प्रतिष्ठा संपूर्णता या अखंडता के लिए खतरा पैदा करने की अनुमति नहीं देगी। इसी पर चुनाव आयोग ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को एक नोटिस भेज कर इंटरनेट मीडिया पर जारी इस पोस्ट पर स्थिति स्पष्ट करने की बात कही थी।
कांग्रेस ने कर्नाटक में बजरंग दल और PFI पर बैन लगाने की कही थी बात
इसी के बाद से कांग्रेसी नेता लगातार बजरंग दल पर हमलावर हैं। उनके मुताबिक कर्नाटक में कांग्रेस के चुनावी घोषणा पत्र में बजरंग दल और पीएफआई पर बैन लगाने प्रस्ताव पर पीएम मोदी ने अपने प्रचार अभियान के दौरान कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा था। और बजरंगबली के नाम पर वोट भी चुनाव में बीजेपी द्वारा मांगे गए थे, लेकिन इलेक्शन कमीशन ने एक भी नोटिस नहीं दिया। यही वजह है कि कांग्रेसी चुनाव आयोग पर पक्षपात करने का आरोप लगा रही है।