कांग्रेस के एक नेताजी का वीडियो सामने आया है, जिसमें वह भरे मंच से युवा नेताओं को अपने ऊपर मुकदमे दर्ज करवाने की प्रेरणा दे रहे हैं। नेताजी का कहना है कि 100 एपआईआर दर्ज होने पर ही एक युवा नेता बनता है। हालांकि, इस वीडियो को लेकर जब उनसे सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि उनकी बात समझने में गलती की जा रही है। वह युवा कार्यकर्ताओं से कहना चाहते थे कि उन्हें झूठे मुकदमों से डरने की जरूरत नहीं है, जो सत्ताधारी पार्टी विपक्षी नेताओं पर कराती है।
वीडियो में दिख रहे नेताजी देवास शहर कांग्रेस अध्यक्ष मनोज राजानी हैं। वह पहले तो बीजेपी सरकार पर दुष्कर्म के आरोपियों को संरक्षण देने का गंभीर आरोप लगाते हैं और कहते हैं कि मुकदमा होने पर भी पार्टी कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है। हालांकि, अगले ही पल उनके विचार बदल जाते हैं और वह कहते हैं कि 100 एपआईआर होने पर ही एक कार्यकर्ता नेता बनता है।
बीजेपी ने किया पलटवार
मनोज राजानी ने कहा कि तुम पर सौ एफआईआर होगी तभी तो तुम नेता बनोगे। नेताओं पर एफआईआर नहीं होगी तो नेता क्या खाक नेता बनेगा। युवक कांग्रेस के धरना प्रदर्शन के दौरान राजानी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी बलात्कारियों को संरक्षण देती है। उनके बयान पर देवास बीजेपी के जिलाध्यक्ष राजीव खंडेलवाल ने पलटवार करते हुए कहा कि शहर कांग्रेस अध्यक्ष मनोज राजानी युवाओं को भ्रमित करने का कार्य कर रहे हैं और जिस प्रकार से कानून को हाथ में लेने का काम कर रहे हैं। निश्चित रूप से आने वाले समय मे कांग्रेस कार्यकर्ता निर्माण नहीं कर रही है, बल्कि गुंडों का समूह एकत्रित कर रही है। राजीव खंडेलवाल ने इसे गैर जिम्मेदाराना बयान बताते हुए इसकी निंदा की।
सफाई में क्या कहा?
जब मनोज रजानी से उनके बयान को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि वह युवाओं को अपराध की तरफ ले जाने की बात नहीं कर रहे थे। उनकी बात को गलत तरीके से समझा गया है। वह किसी को चोरी करने या महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार के लिए नहीं उकसा रहे थे। उनका मतलब राजनीतिक एफआईआर से था, जो सरकार विपक्षी नेताओं पर करती है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आती है तो वह सारे मुकदमे वापस ले लिए जाएंगे। अंत में उन्होंने कहा कि कांग्रेस का युवा कार्यकर्ता डरने वाला नहीं है।
(देवास से अरविंद चौकसे की रिपोर्ट)
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