मध्यप्रदेश के रतलाम शहर में देवी कालिका मंदिर में 'पश्चिमी और तंग' पोशाक तथा शॉर्ट्स पहने श्रद्धालुओं को प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी। मंदिर के पुजारी ने यह जानकारी दी है। कालिका मंदिर के पुजारी राजेंद्र शर्मा ने कहा, ‘‘ मंदिर की पवित्रता की रक्षा के लिए पश्चिमी और तंग पोशाक तथा शॉर्ट्स (हाफ पैंट) पहने हुए भक्तों को मंदिर में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी। ’’
करीब 400 वर्ष पुराने इस मंदिर के चारों ओर प्रतिबंधित कपड़ों के प्रकार का उल्लेख करने वाली कई पट्टिकाएं लगी हुई हैं। मंदिर के पुजारी ने कहा, ‘‘अभद्र पोशाक पहने किसी भी भक्त को मंदिर या गर्भगृह में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी।’’
मंदिर के बाहर से दर्शन कर पाएंगे
उन्होंने कहा कि ऐसे भक्त मंदिर के बाहर से भी दर्शन कर सकते हैं। मंदिर की देखभाल कोर्ट ऑफ वार्ड्स एक्ट के तहत रतलाम जिला प्रशासन द्वारा की जाती है। तहसीलदार ऋषभ ठाकुर ने कहा, ‘‘मुझे मंदिर प्रबंधन समिति द्वारा पश्चिमी परिधानों पर प्रतिबंध लगाने के निर्णय के बारे में पता चला है। ’’ शर्मा ने दावा किया कि रतलाम को बसाने वाले राजा रतन सिंह ने 400 साल पहले इस मंदिर का निर्माण कराया था और कुल देवी की प्रतिष्ठा की थी।
भक्त ने किया समर्थन
इस फैसले का स्वागत करते हुए एक भक्त ने कहा कि पश्चिमी पोशाक भारत की समृद्ध संस्कृति और सनातन धर्म पर हमला है। मंदिर में मुख्य देवी के अलावा मां चामुंडा और मां अन्नपूर्णा की मूर्तियां भी स्थापित हैं, जहां रतलाम और अन्य जगहों से बड़ी संख्या में भक्त आते हैं। नवरात्रि के दौरान मंदिर परिसर में गरबा महोत्सव का आयोजन किया जाता है। (इनपुट- पीटीआई भाषा)
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