बैतूल (मप्र): अयोध्या में बन रहे राम मंदिर के लिए हर वर्ग और समाज के लोग दान दे रहे हैं। वनवास काल में भक्ति भाव से सराबोर शबरी ने राम को जूठे बेर सिर्फ इसलिए खिलाए थे कि राम के मुंह में कहीं खट्टे बेर न जाए। ठीक इसी तरह मध्य प्रदेश के बैतूल जिले की एक आदिवासी महिला देवकू बाई जो भीख मांगती है उसने सौ रुपये की चिल्लर मंदिर निर्माण के लिए दान दी है। राम मंदिर निर्माण के लिए धन संग्रह का काम चल रहा है। आठनेर ब्लॉक मुख्यालय पर घर-घर जाकर भिक्षा मांगकर अपना पेट भरने वाली देवकू बाई की मंशा भी राम मदिर निर्माण में अपना योगदान देने की रही है, यही कारण है कि उसने भीख में जुटाई चिल्लर को जमा किया और सौ रुपये की चिल्लर दान दे दी।
10 और 20 रु के नोट के साथ खुल्ले पैसे देकर कटवाई पूरे 100 रुपये की रसीद
विकास नगर के कार्यकर्ताओं को एक एक रुपये जुटाकर इकट्ठा की गई चिल्लर को सौंपते हुए उसने कहा कि चाहे जितना भी समय लग जाए पर भगवान आते जरूर हैं। देवकू बाई की यह बात सुनकर निधि संग्रह के लिए वाडरें में पहुंचे कैलाश आजाद सहित कर्यकर्ताओं की आंखे भर आई। भिक्षा मांगकर जीवन यापन करने वाली देवकु बाई ने खुशी-खुशी 10 रु और 20 रु के नोट के साथ खुल्ले पैसे देकर पूरे 100 रुपए की रसीद कटवाई।
राम मंदिर के आगे ही मांगते थे भिक्षा, अब दिया दान
वहीं, आपको बता दें कि मध्य प्रदेश के रतलाम शहर से भी आस्था में नई उम्मीद खोजते एक समाज की तस्वीर सामने आई है। यहां आर्थिक रूप से कमजोर व कुष्ठ रोग से पीड़ित एक बस्ती के 40 परिवारों ने मिलकर अयोध्या में बनने वाले राम मंदिर के लिए दान किया है। इस समाज के लोग पिछले कई सालों से शहर में बने राम मंदिर के आगे ही भिक्षा मांगकर अपना भरण-पोषण करते आए हैं।