दमोह (मप्र): मध्य प्रदेश के दमोह जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पथरिया में 45 वर्षीय एक महिला की मौत हो गई, जिसके बाद शव वाहन नहीं मिलने के कारण उसके बेटे को शव के अंतिम संस्कार के लिए हाथ ठेले पर रख कर अपने गांव ले जाने के लिए मजबूर होना पड़ा। यह घटना दमोह जिले के पथरिया में मंगलवार की रात करीब साढ़े आठ बजे हुई और इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। मरने वाली महिला कलावती विश्वकर्मा थी और वह दमोह जिले के पथरिया के वार्ड क्रमांक छह की निवासी थी।
कलावती के पुत्र देबू विश्वकर्मा ने बताया कि मंगलवार को अपनी मां के शव को दो किलोमीटर दूर अपने गांव ले जाने के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से शव वाहन की गुहार की, लेकिन नहीं मिला। उन्होंने कहा कि इसके बाद एक निजी एंबुलेंस संचालक से शव को ले जाने की बात कही, तो उसने भी महज दो किलोमीटर शव ले जाने के लिए 5,000 रुपए की मांग कर दी, जिसके बाद हर स्तर पर निराश होकर मैंने खुद ही एक ठेले की व्यवस्था की।
देबू ने बताया कि इसके बाद करीब साढ़े आठ बजे रात मैंने अपनी माँ का शव हाथ ठेले पर रखा और उसे लेकर घर की ओर चल पड़ा। उन्होंने कहा कि मेरी मां को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पथरिया में मरने से पहले इलाज भी नहीं मिला।
वहीं, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. संगीता त्रिवेदी ने कहा, ‘‘यह महिला गंभीर हालात में आई थी जिसको अपने स्तर पर ऑक्सीजन सहित अन्य इलाज भी प्रारंभ किए थे। लेकिन उसे नहीं बचाया जा सका।’’ उन्होंने कहा, ‘‘वहीं शव को भी बगैर जानकारी के परिजन ले गए और इसकी जानकारी हमें नहीं है।’