दमोह: मध्य प्रदेश के दमोह में जिला अस्पताल में एक ही दिन स्वस्थ बच्चों को जन्म देने वाली 4 महिलाओं की पिछले 3 सप्ताह के दौरान मौत हो गई है। ये मामले सामने आने के बाद अब इनकी जांच शुरू कर दी गई है। जबलपुर मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल में बुधवार को इलाज के दौरान एक महिला की मौत के बाद उसके परिजनों ने विरोध प्रदर्शन किया तो सभी चारों मामले सामने आए। अधिकारियों ने बताया कि 29 साल की लक्ष्मी चौरसिया, 30 साल की हर्षना कोरी, 28 साल की निशा परवीन और 30 साल की हुमा खान को 4 जुलाई को प्रसव के लिए दमोह जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
‘ऐन मौके पर कराई सिजेरियन से डिलिवरी’
लक्ष्मी चौरसिया के परिजनों ने दावा किया कि डॉक्टरों ने कहा था कि उनकी डिलिवरी नॉर्मल होगी, लेकिन ऐन मौके पर उन्होंने सिजेरियन से प्रसव कराया। एक महिला के पति सचिन ने अस्पताल के कर्मचारियों पर लापरवाही का आरोप लगाया और कहा कि जन्म देने के बाद उनकी पत्नी ने पेट में तेज दर्द की शिकायत की और 4 जुलाई की रात को उनकी मौत हो गई। कोरी के परिवार के सदस्यों ने बताया कि हर्षना को सामान्य प्रसव के बाद अस्पताल के ICU में भर्ती कराया गया था और अगली सुबह यानी 5 जुलाई को उनकी मौत हो गई।
प्रसव के बाद परवीन को हुई थी परेशानी
परवीन के एक रिश्तेदार ने बताया, ‘हमने मिठाइयां बांटीं, लेकिन कुछ घंटों के बाद उन्होंने शिकायत की कि उन्हें पेशाब नहीं आ रहा है।’ निशा परवीन ने सी-सेक्शन प्रक्रिया के जरिए बच्चे को जन्म दिया था। उन्होंने बताया, ‘डॉक्टरों ने हमें बताया कि उनकी किडनी फेल हो गई है। उन्हें जबलपुर मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल ले जाया गया और डायलिसिस किया गया। 2 दिन पहले उनकी मौत हो गई।’ हुमा खान का प्रसव भी सिजेरियन के जरिए कराया गया और उन्होंने एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया, लेकिन कुछ समय बाद उन्हें भी पेशाब न आने की शिकायत हुई।
‘मामले को गंभीरता से लिया जा रहा है’
रिपोर्ट्स के मुताबिक, हुमा को भी जबलपुर अस्पताल ले जाया गया और डायलिसिस किया गया। उनके परिवार के सदस्यों ने बताया कि बुधवार को उनकी मौत हो गई। खान के परिवार के सदस्यों ने बुधवार को हाटा इलाके में सड़क जाम कर उनकी मौत की जांच की मांग की। दमोह के जिलाधिकारी सुधीर कोचर ने बताया कि मामले को गंभीरता से लिया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘यह और भी गंभीर है, क्योंकि जैसा कि बताया गया है मृत महिलाओं का स्वास्थ्य (प्रसव से पहले) ठीक था।’ उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य सेवाओं के संयुक्त निदेशक द्वारा जांच के आदेश दिए हैं।
‘4 जुलाई को हुए थे 15 इमरजेंसी ऑपरेशन’
सिविल सर्जन डॉ. राजेश नामदेव ने बताया कि 4 जुलाई को अलग-अलग डॉक्टरों द्वारा 15 इमरजेंसी ऑपरेशन किए गए थे। डॉ. नामदेव ने बताया कि जबलपुर में किडनी संक्रमण से 2 महिलाओं की मौत हो गई। उन्होंने कहा कि सरकारी सागर मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल के डॉक्टरों की 2 टीमों ने जांच की, लेकिन इसमें चिकित्सा अधिकारियों की लापरवाही की ओर इशारा नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि एक और जांच की जा रही है और अगर कोई दोषी पाया जाता है, तो उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। (भाषा)