Saturday, October 05, 2024
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साइबर ठगों ने वैज्ञानिक को 72 घंटे रखा हाउस अरेस्ट, 71.33 लाख ठगे, म्यूचुअल फंड भी बिकवाए, फिर खुद थाने जाने को कहा

साइबर ठगों ने साइंटिस्ट से कहा कि जिस केस में वह फंसे हैं, उसमें पुलिस अधिकारी और बैंक कर्मचारी भी मिले हुए हैं। इसलिए उन्हें कॉल करने की कोशिश न करें।

Edited By: Shakti Singh
Published on: October 05, 2024 9:23 IST
Cyber fraud- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO साइबर फ्रॉड

इंदौर में केट वैज्ञानिक के साथ  71. 33 लाख रुपए की ठगी का मामला सामने आया है। आरोपियों ने ईडी, सीबीआई, आरबीआई, ट्राई और दिल्ली क्राइम ब्रांच के अधिकारी बनकर पूछताछ की और 72 घंटे तक वैज्ञानिक को हाउस अरेस्ट रखा। आरआर कैट के सीनियर साइंटिस्ट और उनकी पत्नी को बदमाशों ने 6 दिन तक डिजिटल अरेस्ट करके रखा। मामले को गोपनीय रखने का भय बताकर उनसे कहा कि जिस केस में आप फंसे हैं उसमें पुलिस और बैंक वाले भी मिले हुए हैं इसलिए किसी से भी संपर्क न करें। सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में मामले की जांच चल रही है। बाद में 23 अलग-अलग खातों में उनकी पूरी जमा पूंजी ट्रांसफर करा ली।

एडिशनल डीसीपी क्राइम ब्रांच राजेश दंडोतिया ने बताया कि 1 सितंबर की सुबह साइंटिस्ट के मोबाइल पर 9580754384 नंबर से फोन आया। उनसे कहा कि 18 अगस्त 2024 को दिल्ली से एक सिमकार्ड जारी हुआ है, जिससे गैरकानूनी विज्ञापन और महिला उत्पीड़न संबंधी एसएमएस भेजे जा रहे हैं। ट्राई अफसर बने ठग ने अपना नाम सुशांत कुमार बताया। इसके बाद फर्जी शिकायत नंबर DL1045/0824 दिया।

क्राइम ब्रांच का अफसर बन डराया

ट्राई अफसर बने ठग से साइंटिस्ट ने कहा कि दिल्ली से उन्होंने कभी कोई सिम नहीं ली। हो सकता है किसी ने उनके आधार कार्ड का दुरुपयोग किया हो। वह इसकी शिकायत करना चाहते हैं। इसके बाद मोबाइल नंबर 8917557283 से दिल्ली क्राइम ब्रांच का अधिकारी बनकर दूसरे ठग ने उन्हें डराया। उसने कहा कि आपके जिस नंबर से मैसेज भेजे गए हैं, उस नंबर का मनी लांड्रिंग और ह्यूमन ट्रैफिकिंग में उपयोग हुआ है। इसका केस दर्ज है। आपके खिलाफ अरेस्ट वारंट भी जारी हुआ है।

गिरफ्तारी वारंट भी भेजा

ठग ने क्राइम ब्रांच का अधिकारी राकेश कुमार बनकर गिरफ्तारी वारंट भी व्हाट्सएप पर भेज दिया। फिर डराया कि इस केस में 300 लोग शामिल हैं। उनमें से एक आप हैं। आपकी गिरफ्तारी सिर्फ इसलिए नहीं हुई क्योंकि आप सरकारी कर्मचारी हैं। अगले दिन सुबह 10 बजे ठगों ने उन्हें सीबीआई अधिकारी बनकर 8979310521 नंबर से कॉल किया। 2 घंटे इंटरनेट कॉलिंग और वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए पूछताछ की। फिर कहा कि 24 घंटे तक आप सर्विलांस से नहीं हटें क्योंकि 17 बच्चों की जिंदगी का सवाल है।

आरबीआई अधिकारी बन ट्रांसफर करवाया पैसा

इसके बाद उन्हें डराया कि आप जिस केस में फंसे हैं उसमें राष्ट्रीय बैंकों के कुछ मैनेजर और पुलिस भी मिली हुई है। फिर सभी बैंक अकाउंट्स की डिटेल मांगी। उसमें जमा राशि, म्यूचुअल फंड के बारे में विस्तार से पूछा। म्यूचुअल फंड कैश भी करवा लिए। फिर आरबीआई अधिकारी बनकर कुल जमा 71 लाख 33 हजार 75 रुपये 23 अलग-अलग खातों में जमा करने को कहा। फिर कहा की नजदीकी थाने में जाकर क्लीयरेंस ले लें। ठगों ने कहा कि जांच के बाद एक घंटे में पूरा पैसा वापस हो जाएगा। ईडी और सीबीआई से सर्टिफिकेट भी जारी होगा, ताकि भविष्य में कोई परेशानी न हो। नजदीकी थाने से क्लीयरेंस मिल जाएगा। आप थाने चले जाएं। जब वे द्वारकापुरी थाने पहुंचे तो पुलिस ने बताया कि उनके साथ फ्रॉड हुआ है। क्राइम ब्रांच ने बीएनएस की धारा 308(2) 318(4), 3(5) में केस दर्ज किया है।

(इंदौर से भारत पाटिल की रिपोर्ट)

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