इंदौर (मध्यप्रदेश): कर्फ्यू के उल्लंघन के मामले में एक आरोपी को हिरासत में लिये जाने के विरोध में मंगलवार को यहां लोगों का समूह कर्फ्यू तोड़कर सड़क पर उतर आया और पुलिस-प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर जुलूस निकाला। कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण प्रशासन ने इंदौर की शहरी सीमा में 25 मार्च से कर्फ्यू लगा रखा है। इस बीच, सोशल मीडिया पर सामने एक वीडियो में पुलिस लाठी चार्ज कर लोगों को खदेड़ती दिखायी दे रही है, जबकि बल प्रयोग के दौरान तितर-बितर होकर सड़क पर दौड़ रहे समूह में शामिल तीन व्यक्ति रुक कर पुलिस कर्मियों पर पत्थर चलाते नजर आ रहे हैं।
वीडियो के मुताबिक पुलिस पर दूर से एक-एक पत्थर फेंकने के बाद तीनों भाग गये। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि रावजी बाजार क्षेत्र में मोहम्मद यूसुफ नाम के व्यक्ति ने एक कब्रिस्तान में करीब 50 लोगों को शुक्रवार को जमा किया था। इस पर यूसुफ के खिलाफ कर्फ्यू के उल्लंघन को लेकर आपराधिक मामला दर्ज किया गया था। अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने यूसुफ को जब मंगलवार को हिरासत में लिया, तो उसके समर्थन में कुछ लोग कर्फ्यू का उल्लंघन करते हुए बाहर निकले और रावजी बाजार पुलिस थाने पहुंच गये।
चश्मदीदों के मुताबिक मामले में 100 से ज्यादा लोग सड़क पर उतर गये और उन्होंने पुलिस-प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर जुलूस निकाला। कर्फ्यू का उल्लंघन करने वालों में बड़ी तादाद में महिलाएं भी शामिल थीं। पुलिस अधीक्षक महेशचंद्र जैन ने बताया, "हमने इन लोगों को फौरन खदेड़ दिया था और रावजी बाजार क्षेत्र में फिलहाल हालात नियंत्रण में हैं। मामले में कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया है, जबकि अन्य आरोपियों की तलाश जारी है।"
उन्होंने बताया कि घटना के वायरल वीडियो की जांच की जा रही है और इसमें पुलिस कर्मियों पर पत्थर फेंकते दिखायी दिये लोगों की पहचान की कोशिश की जा रही है। जैन ने बताया, "वीडियो में साफ नजर आ रहा है कि ये पत्थर काफी दूरी से फेंके गये थे। इनसे कोई भी पुलिस कर्मी चोटिल नहीं हुआ है।" पुलिस अधीक्षक ने बताया कि रावजी बाजार क्षेत्र में लोगों द्वारा कर्फ्यू के उल्लंघन पर संबद्ध धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की जायेगी और सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया जायेगा।
इससे पहले, शहर के चंदन नगर इलाके में सात अप्रैल को कर्फ्यू का उल्लंघन कर बाहर घूम रहे लोगों ने विवाद के दौरान एक पुलिस आरक्षक पर पथराव किया था। "कोविड-19 योद्धाओं" पर हमले के एक अन्य मामले में टाटपट्टी बाखल में स्वास्थ्य कर्मियों पर एक अप्रैल को पथराव किया गया था जिससे दो महिला डॉक्टरों के पैरों में चोटें आयी थीं। यह दल कोरोना वायरस संक्रमण के एक मरीज के संपर्क में आये लोगों को ढूंढने गया था।