Sunday, November 24, 2024
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कोविड-19: गरीबों को तीन माह का राशन मुफ्त देगी शिवराज सरकार, इस दवा की कालाबाजारी करने पर लगेगा रासुका

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश के सभी पात्र निर्धन उपभोक्ताओं को उचित मूल्य की दुकानों से एक साथ तीन माह का राशन मुफ्त मिलेगा। चौहान ने वीडियो कॉन्फ्रेंस द्वारा प्रदेश के कलेक्टरों से संवाद करते हुए यह घोषणा की। 

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: April 19, 2021 20:58 IST
Covid-19: Shivraj Singh Chouhan's major decision for poor families- India TV Hindi
Image Source : PTI मध्य प्रदेश में सभी पात्र निर्धन उपभोक्ताओं को उचित मूल्य की दुकानों से एक साथ तीन माह का राशन मुफ्त मिलेगा। 

भोपाल: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश के सभी पात्र निर्धन उपभोक्ताओं को उचित मूल्य की दुकानों से एक साथ तीन माह का राशन मुफ्त मिलेगा। चौहान ने वीडियो कॉन्फ्रेंस द्वारा प्रदेश के कलेक्टरों से संवाद करते हुए यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि शहरों और कस्बों के साथ ही प्रदेश के गांवो में भी संक्रमण बढ़ने से रोकना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जहां अधिक संक्रमित रोगी हैं, वहां निषिद्ध क्षेत्र बनाकर संक्रमण नियंत्रण सुनिश्चित करें। हर हाल में संक्रमण की चेन को तोड़ना है। उन्होंने कहा कि रहवासी संघ और स्वैच्छिक संगठन सहयोग करें ताकि जो व्यवस्थाएं कम पड़ रही हैं, उन्हें पर्याप्त बनाया जा सके। चौहान ने खंडवा एवं बुरहानपुर प्रशासन के संक्रमण नियंत्रण के प्रयासों को सराहनीय बताया है। 

उन्होंने कहा, ‘‘प्रदेश के सभी पात्र निर्धन उपभोक्ताओं को उचित मूल्य की दुकानों से एक साथ तीन माह का राशन निःशुल्क मिलेगा।’’ चौहान ने कहा कि प्रदेश में संक्रमित रोगियों के लिए पर्याप्त ऑक्सीजन की व्यवस्था के लिए युद्ध स्तर पर प्रयास किए गए हैं। रेमडेसिविर टीके भी लगातार आ रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों से कहा कि जिन जिलों में ऑक्सीजन प्लांट स्वीकृत किए गए हैं, वे प्लांट स्थापना का कार्य प्रारंभ करें। उन्होंने कहा कि आगामी 30 अप्रैल तक घर से न निकलें ताकि संक्रमण की चेन टूट सके। चौहान ने कहा कि औषधियों की कालाबाजारी करने वाले के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत कार्रवाई करें।

वहीं इंदौर में रेमडेसिविर दवा की कालाबाजारी पर रोक के लिए जिला प्रशासन ने अहम फैसला किया। प्रशासन ने तय किया है कि इस अपराध में शामिल लोगों को सख्त प्रावधानों वाले राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत गिरफ्तार कर जेल भेजा जाएगा। इंदौर के जिलाधिकारी मनीष सिंह ने संवाददाताओं को बताया, "ऐसी शिकायतें आ रही हैं कि खासकर छोटे अस्पतालों के कर्मचारी रेमडेसिविर की कालाबाजारी कर रहे हैं। हम इस दवा की कालाबाजारी में शामिल लोगों को एनएसए के तहत जेल भेजेंगे।" 

उन्होंने कहा, "हम अस्पतालों में रेमडेसिविर के वितरण पर नजर रख रहे हैं। इस दवा की कालाबाजारी में शामिल पाए जाने पर अस्पताल संचालकों के खिलाफ भी उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी।" जिलाधिकारी ने बताया कि राजेंद्र नगर पुलिस द्वारा रविवार को रेमडेसिविर की कथित कालाबाजारी में पकड़े गए आरोपियों में शामिल एक डॉक्टर और एक मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव पर रासुका लगाया जा रहा है। 

सिंह के मुताबिक, जिले में रेमडेसिविर की किल्लत का प्रमुख कारण मरीजों की बढ़ती मांग के मुकाबले दवा निर्माता कंपनियों की आपूर्ति घटना है। हालांकि, अगले कुछ दिनों में इसकी आपूर्ति में इजाफे की उम्मीद है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, जिले में 24 मार्च 2020 से लेकर अब तक महामारी के कुल 91,015 मरीज मिले हैं। इनमें से 1,054 लोगों की इलाज के दौरान मौत हो चुकी है।

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