भोपाल: मध्य प्रदेश में पिछले दो महीनों में कोविड-19 महामारी के संक्रमितों की संख्या में 78 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। चिकित्सा विशेषज्ञों एवं सरकारी अधिकारियों के अनुसार लोगों की लापरवाही के कारण यह तेजी आई है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) भोपाल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सरकार के उन नए दिशा निर्देशों पर चिंता जाहिर की है, जिनमें देश में अनलॉक-4 के तहत 21 सितंबर से 100 व्यक्तियों की अधिकतम सीमा के साथ सामाजिक, राजनीतिक और धार्मिक कार्यक्रमों की अनुमति दी जाएगी।
मध्य प्रदेश में इस साल 20 मार्च को कोरोना वायरस से संक्रमित पहला मरीज मिला था और शनिवार तक प्रदेश में इस महामारी से कुल 60,875 लोग संक्रमित हो चुके हैं, जिनमें से 1,345 लोगों की मौत हो गई है। मध्य प्रदेश स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोविड-19 के जारी आंकड़ों का विश्लेषण करने से पता चलता है कि प्रदेश में जुलाई और अगस्त के दो महीनों में ही 47,282 मामले आये, जो अब तक राज्य में आये कुल कोरोना वायरस संक्रमितों का करीब 78 प्रतिशत है। इन दो महीनों में 773 कोरोना वायारस मरीजों की मौत हुई है, जो प्रदेश में इस बीमारी से हुई कुल मौतों का 57 प्रतिशत है।
एम्स भोपाल के निदेशक प्रोफेसर सरमन सिंह ने रविवार को ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि कोविड-19 के बचाव के लिए सामाजिक दूरी बनाये रखने के मानदंड सहित अन्य उपायों के प्रति लोगों में उदासीनता के साथ-साथ इस बीमारी को रोकने के लिए लगाये गये प्रतिबंधों में ढील दिए जाने के कारण यह महामारी बड़ी तेजी से फैली है। उन्होंने कहा, ‘‘लोगों ने कोविड-19 को हल्के में लिया है और वे आत्मसंतुष्ट हो गये हैं। इसलिए पूरी दुनिया में इस बीमारी के मरीजों की संख्या में तेजी आई है। इसके अलावा, कई लोग मास्क भी नहीं लगा रहे हैं और सामाजिक दूरी का जो मानदंड बनाया गया है, उसका पालन भी नहीं कर रहे हैं।’’
सिंह ने यह भी कहा कि यह चिंताजनक है कि हमारी सरकार कोविड-19 के लिए बने मानदंडों में और ढील देने जा रही है, जिसके तहत 21 सितंबर से 100 व्यक्तियों की अधिकतम सीमा के साथ सामाजिक, राजनीतिक और धार्मिक कार्यक्रमों की अनुमति दी जाएगी। उन्होंने कहा कि यह देखा गया है कि लोग कोविड-19 के लिए बने मानदंडों का उल्लंघन कर रहे हैं और एक स्थान पर जितने लोगों को इकट्ठा होने की अनुमति दी गई है, उससे अधिक संख्या में जमा हो जाते हैं।
सिंह ने कहा, ‘‘बगैर राजनीतिक और सामाजिक आयोजनों से जीवन चल सकता है। केवल कार्यालयों और आर्थिक गतिविधियों को खोला जाना चाहिए, जो आजीविका के लिए आवश्यक है लेकिन मैं यह टिप्पणी नहीं करना चाहता कि मानदंडों की छूट से क्या हुआ है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘कोविड-19 की स्थिति अच्छी नहीं है, लेकिन नियंत्रण में है। मध्य प्रदेश में कोविड-19 की स्थिति में पहले की तुलना में सुधार हुआ है।’’ मध्य प्रदेश स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव मोहम्मद सुलेमान ने कहा कि राज्य सरकार कोरोना वायरस के बारे में लोगों में जागरूकता बढ़ा रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘प्रदेश में कोरोना वायरस मामलों की बढ़ती संख्या बताती है कि लोग एक-दूसरे से मिल रहे हैं। सरकार लोगों को विभिन्न माध्यमों के जरिये सामाजिक दूरी और मास्क लगाने के लिए जागरूक कर रही है।’’ सुलेमान ने बताया, ‘‘जो भी इलाज के लिए आयेगा, हम उसका इलाज करेंगे। अधिकांश लोग इस बीमारी से ठीक हो रहे हैं। प्रदेश में मृत्यु दर करीब दो प्रतिशत है।’’ कोविड-19 के उपचार के लिए अधिकृत चिरायु मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (भोपाल) के निदेशक डॉ.अजय गोयंका ने कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या में तेजी से हुई वृद्धि के लिए लोगों की लापरवाही के साथ-साथ उनमें इस बीमारी के प्रति जागरूकता की कमी को दोषी ठहराया है।
उन्होंने कहा, ‘‘कोरोना वायरस की रोकथाम जनता की जागरूकता पर निर्भर करती है। इसे तभी नियंत्रित किया जा सकता है जब लोग गलतियां करना बंद करें। लोग डरे हुए हैं और इस बीमारी को छुपा रहे हैं।’’ गोयंका ने बताया कि कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लोगों को सामाजिक दूरी के लिए बनाये गये मानदंडों का पालन करना चाहिए, मास्क पहनना चाहिए और समय पर उपचार के लिए अस्पताल में आना चाहिए।’’