इंदौर: मध्य प्रदेश में कोरोना वायरस के संक्रमण से सबसे ज्यादा प्रभावित इंदौर जिले में इलाज के बाद संक्रमणमुक्त होने पर भी कई मरीजों में स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं देखने को मिल रही हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कोरोना वायरस को मात देने के बाद ये मरीज सांस लेने में तकलीफ, दिल की धड़कन बढ़ने और शारीरिक कमजोरी सरीखी शिकायतें कर रहे हैं। इसके मद्देनजर शहर के शासकीय महात्मा गांधी स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय ने रोगियों पर इस महामारी के दीर्घकालिक दुष्प्रभावों की थाह लेने के लिए विस्तृत अध्ययन करने का फैसला किया है।
कोरोना से उबरने के बावजूद हो रहीं दिक्कतें
महाविद्यालय के डीन संजय दीक्षित ने मंगलवार को बताया, ‘पिछले साढ़े सात महीनों के दौरान जिले में कोविड-19 के हजारों मरीज इलाज के बाद संक्रमणमुक्त हो चुके हैं। लेकिन इसके बाद भी कई मरीज सांस लेने में तकलीफ, दिल की धड़कन बढ़ने और शारीरिक कमजोरी जैसी शिकायतों के साथ डॉक्टरों के पास जा रहे हैं।’ उन्होंने बताया कि महाविद्यालय द्वारा चिकित्सा की अलग-अलग विधाओं में माहिर डॉक्टरों की मदद से इन रोगियों को लेकर विस्तृत अध्ययन किया जाएगा। दीक्षित ने बताया, ‘हमारा यह अध्ययन कोविड-19 की वजह से रोगियों के अलग-अलग अंगों पर लम्बे समय तक नजर आने वाले दुष्प्रभावों और इनके संभावित निदानों पर आधारित होगा।’
इंदौर में मिले अब तक 34,256 मरीज
दीक्षित ने बताया, ‘हम यह पता करने के लिए इन लोगों की जांच भी कराएंगे कि कोविड-19 से उबरने के बाद किसी रोगी के शरीर में बनीं एंटीबॉडीज कितने दिनों तक प्रभावी रहती हैं?’ दीक्षित ने बताया कि कोविड-19 से उबरने के बाद भी अपने स्वास्थ्य को लेकर शिकायतें करने वाले लोगों के इलाज के लिए महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय में बुधवार से अलग बाह्य रोगी विभाग (OPD) भी शुरू किया जा रहा है। यह अस्पताल शासकीय महात्मा गांधी स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय से संबद्ध है। आधिकारिक जानकारी के मुताबिक जिले में 24 मार्च से लेकर अब तक महामारी के कुल 34,256 मरीज मिले हैं। इनमें से 682 मरीजों की मौत हो चुकी है।