नई दिल्ली. मध्य प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने इंडिया टीवी के डिजिटल स्वास्थ्य सम्मेलन में कहा कि लॉकडाउन को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान फैसला लेंगे लेकिन राज्य में लॉकडाउन जैसी स्थिति नहीं है और मुख्यमंत्री भी संपूर्ण लॉकडाउन के पक्षधर नहीं है। उन्होंने कहा कि देशभर में तेजी से संक्रमण बढ़ रहा है, ऐसे में जरूरी है कि समाज स्वंय अनुशासित होते हुए खुद को संक्रमित होकर बचाए।
राज्य में लगातार बढ़ते कोरोना के एक्टिव मामलों पर उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में बिस्तर बढ़ाए जा रहे हैं, निजी और सरकारी अस्पतालों में विस्तर, ऑक्सीजन, और वेंटीलेटर की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जा रही है। उन्होंने कहा कि आज की तारीख में कहीं भी ऑक्सीजन की कमी नहीं है, जितनी ऑक्सीजन की जरूरत है उतनी हमें मिल रही है। जिस अनुपात में हमारे केस बढ़ रहे हैं उससे लगभग 200 गुना ज्यादा ऑक्सीजन की खपत बढ़ रही है, ऐसे में लग रहा है कि कहीं इसका मिसयूज बढ़ रहा है।
रेमडिसविर की कमी के सवाल पर उन्होंने कहा कि जहां तक दवा की बात है, उसके लिए जो भी आईसीएमआर का प्रोटोकॉल होगा उसके तहत दवा उपलब्ध कराई जाएगी। हमने सीएसआईआर के माध्यम से हर शहर में दवा उपलब्ध करा दी है। 3 दिन पहले से आपूर्ति सुनिश्चित हो गई है, थोड़ा सा क्योस जो मचा है वह इसलिए है कि हर व्यक्ति को लगता है कि वह रेमडिसविर दवा को ही लगा, जबकि उसका नियम अलग है।
कोरोना वैक्सीन के बारे में बताते हुए विश्वास सारंग ने कहा कि पूरे राज्य में लगभग 4 हजार केंद्रों पर वैक्सिनेशन सेंटर लगाए जा रहे हैं। सोमवार बुधवार गुरुवार और शनिवार को कोरोना का वैक्सिनेशन चल रहा है और बाकी दो दिन बच्चों का वैक्सिनेशन होता है। लगभग हम 4 लाख लोगों को रोज वैक्सीन लगा रहे हैं, इस पूरे वैक्सिनेशन प्रोग्राम को जो केंद्र ने डिजाइन किया है वह बहुत अच्छा है। उन्होंने कहा कि शमशान घाट पर पहले जहां पर कोरोना प्रोटोकाल के तहत अंतेष्टि होती थी, अभी यह निर्णय लिया गया है कि जो suspected डेथ है उसकी भी अंतेष्टि कोरोना प्रोटोकॉल के लिहाज से की जा रही है। इसलिए लोगों को लग रहा है कि मौतें ज्यादा हो रही है लेकिन आंकड़े नहीं बताए जा रहे हैं। जबकि सच्चाई ये है कि कई suspect की मृत्यु के बाद उसकी रिपोर्ट निगेटिव आती है।