भोपाल: मध्य प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों का आंकड़ा गुरुवार को 2569 पहुंच गया है। राज्य में बुधवार को 11 लोगों की इस वायरस के कारण मौत हुई जिसके बाद कुल मृतकों की संख्या 133 जा पहुंची है। मध्य प्रदेश में बुधवार को 88 नए मरीज सामने आए है जिसके बाद संक्रमितों का आंकड़ा अब बढ़कर 2569 पर पहुंच गया है। राज्य में उपचार के बाद अब 461 मरीज ठीक भी बो चुके है।
- इंदौर 1485 ( 68 मौत).....177 स्वस्थ
- भोपाल 483 (14 मौत)......162 स्वस्थ
- खरगोन 70 (07 मौत).....22 स्वस्थ
- उज्जैन 127 (23 मौत).....05 स्वस्थ
- धार 48 (01 मौत)
- खंडवा 46....(03 मौत)......12 स्वस्थ
- जबलपुर 78..(01 मौत)....07 स्वस्थ
- रायसेन 47....(02 मौत).....01स्वस्थ
- होशंगाबाद 35..(02 मौत)...14 स्वस्थ
- बड़वानी 24.....................14 स्वस्थ
- देवास 24.....(07 मौत)....06 स्वस्थ
- मुरैना 13 ........................13 स्वस्थ
- विदिशा 13....................13 स्वस्थ
- रतलाम 13
- मंदसौर 09 (02 मौत)
- आगर मालवा 12 (01 मौत)
- शाजापुर 06 ......................04 स्वस्थ
- सागर 05 ..........................01 स्वस्थ
- ग्वालियर 04 ....................02 स्वस्थ
- श्योपुर 04 ........................04 स्वस्थ
- छिंदवाड़ा 05 (01 मौत).......02 स्वस्थ्य
- अलीराजपुर 03
- शिवपुरी 02...............02 स्वस्थ
- टीकमगढ़ 02
- बैतूल 01
- डिंडोरी 01
- हरदा 01
- बुरहानपुर 01
- अशोकनगर 01 (01 मौत)
- शहडोल 02
- रीवा 02
लॉकडाउन में विभिन्न प्रदेशों में फंसे 20 हजार श्रमिक मप्र वापस लाए गये
मध्यप्रदेश सरकार ने दावा किया है कि कोरोना व़ायरस के चलते लागू देशव्यापी लॉकडाउन के कारण दूसरे राज्यों में फंसे प्रदेश के 20,000 से अधिक मजदूरों को वापस लाया गया है। प्रदेश सरकार ने राज्य की सीमाओं पर बसों की व्यवस्था की है ताकि वहां से मज़दूरों को उनके गृह जिलों तक पहुंचाया जा सके। अपर मुख्य सचिव एवं राज्य नियंत्रण कक्ष के प्रभारी आई.सी.पी.केशरी ने बताया कि कोरोना वायरस संकट के कारण अन्य प्रदेशों में फँसे करीब 20 हजार श्रमिकों को अभी तक वापस लाया जा चुका है।
उन्होंने बताया कि 29 अप्रैल को जैसलमेर, नागौर, जोधपुर और जयपुर से 200 बसों से आये प्रदेश के श्रमिक नीमच, आगर-मालवा, श्योपुर एवं गुना प्रवेश स्थान पर पहुँचे हैं। स्वास्थ्य परीक्षण एवं भोजन कराने के बाद उन्हें रवाना किया जा रहा है। बुधवार को गुजरात से करीब 500 लोग लाये गये थे। इसके अतिरिक्त प्रतिदिन लगभग दो से तीन हजार श्रमिक पैदल विभिन्न सीमाओं से प्रदेश में आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि राजस्थान में फँसे 3000 श्रमिकों को भी वापस बुलाया गया है। केशरी ने बताया है कि पिछले पाँच दिनों में प्रदेश के विभिन्न जिलों में फँसे राज्य के करीब 30 हजार श्रमिकों को उनके गृह स्थान तक पहुँचाया गया है।
उन्होंने बताया कि 30 अप्रैल को राजस्थान से करीब सात हजार और उत्तरप्रदेश से तीन हजार श्रमिक लाये जाएंगे। गोवा से भी 1600 श्रमिकों को वापस लाने के लिए कार्रवाई की जा रही है। मजदूरों ने अपने घर वापस पहुंचने पर खुशी व्यक्त की है। इस सप्ताह के प्रारंभ में मध्यप्रदेश और राजस्थान की सीमा नया गांव पर अपने परिवार के 18 सदस्यों के साथ पहुंची विष्णु बाई ने कहा, ‘‘हम काम के लिए जैसलमेर गए थे और अब वापस उज्जैन जिले में अपने गांव जा रहे हैं। सरकार ने हमारी वापसी की व्यवस्था की है।’’
जैसलमेर में काम के लिए गई एक अन्य महिला श्रमिक रामकन्या बाई ने कहा कि वह श्योपुर जिले में अपने गांव वापस लौटने पर खुश है। औंरगाबाद से पैदल चलकर हरदा पहुंचे दमोह जिले के निवासी अरविंद ने कहा कि लॉकडाउन के कारण वह वहां फंस गया था। हरदा पहुंचने पर प्रशासन ने ठहरने और भोजन की व्यवस्था की और अब हमें दमोह भेजा जा रहा है।