मध्य प्रदेश: भोपाल के बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय में सुंदरकांड और मंदिर जाने को लेकर एक विवाद सामने आया है। हॉस्टल में रहने वाली छात्राओं का आरोप है कि चीफ वार्डन आयशा रईस के आदेश पर उन्हें सुंदरकांड पढ़ने और मंदिर जाने पर रोका और माफीनामा लिखवाया गया। छात्राओं के अनुसार, वार्डन ने कहा कि अगर उन्हें मंदिर जाना है तो पहले विश्वविद्यालय प्रशासन से इजाजत लेनी होगी।
माफीनामा लिखवाने का आरोप
छात्राओं ने आरोप लगाया है कि उन्हें सुंदरकांड पढ़ने और मंदिर जाने से रोका गया और इसके बाद माफीनामा लिखवाने की बात कही गई। इस मुद्दे को लेकर विश्वविद्यालय में हलचल मच गई है। छात्राएं इस फैसले के खिलाफ आवाज़ उठा रही हैं।
चीफ वार्डन आयशा रईस ने क्या कहा?
वहीं, इस विवाद को लेकर बरकतुल्लाह यूनिवर्सिटी की चीफ वार्डन आयशा रईस का बयान सामने आया है। उन्होंने इंडिया टीवी से बात करते हुए कहा, "यह मजहबी मुद्दा है नहीं, यह मुद्दा निपटा दिया गया था। मुद्दा कहीं जाने का नहीं है, मुद्दा अनुशासन का है। वाइस चांसलर ने एक कमेटी बना दी है। वह और भी तहकीकात करेगी। बच्ची हमारी औलाद की तरह हैं। उन्हें कुछ नहीं होना चाहिए। अपने मां-बाप से दूर रहते हम उन्हें इतना प्यार देते हैं। हम उन्हें सेफ्टी देते हैं, ताकि वह खुशहाली से अपनी पढ़ाई करें।"
ABVP ने किया विरोध प्रदर्शन
इस विवाद को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के छात्र विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। ABVP के छात्र विश्वविद्यालय के मेन गेट पर एकत्रित हुए और रामधुन का आयोजन कर प्रशासन से इस मुद्दे पर सद्बुद्धि की अपील की। दिवाकर शुक्ला, ABVP के अध्यक्ष ने बताया कि छात्राओं को मंदिर जाने और धार्मिक कार्यक्रमों में भाग लेने से रोकने की यह कार्रवाई निंदनीय है और इसके खिलाफ उनका विरोध जारी रहेगा।
हिंदू संगठनों में नाराजगी
हिंदू संगठनों में इस मामले को लेकर गहरी नाराजगी है। उनका कहना है कि अगर इस मामले में उचित कार्रवाई नहीं की गई, तो वे सड़कों पर उतरकर विरोध करेंगे। उन्होंने कहा, "मोहन के राज में सुंदरकांड और धार्मिक आयोजनों पर रोक नहीं सहन की जाएगी।"
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