भोपाल: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रदेश में मामा के तौर पर जाने जाते हैं लेकिन विदिशा के मुखर्जी नगर स्थित सुंदर सेवाश्रम में रहने वाली सात बेटियों और दो बेटों के लिए हमेशा पिता तुल्य रहे हैं। 1999 में सांसद रहते शिवराज सिंह चौहान ने यह सेवा आश्रम शुरू किया था। इसमें सात बेसहारा बेटियों और दो बेटों को रखा गया था। इन बच्चों के खाने पीने और पढ़ाई से लेकर शादी तक का जिम्मा शिवराज सिंह चौहान और उनकी धर्मपत्नी साधना सिंह चौहान उठाते आए हैं।
सेवा आश्रम में रहने वाली 25 वर्षीय प्रीति, 24 वर्षीय राधा और 30 वर्षीय सुमन 2 से 3 वर्ष की थी तब से इसी सेवा आश्रम में रह रही हैं। जब शिवराज सिंह चौहान सांसद थे तभी संसदीय क्षेत्र के दौरे के दौरान यह तीनों बेसहारा बेटियां सांसद शिवराज सिंह चौहान को मिली थी। जिसके बाद वह उन तीनों को अपने सेवा आश्रम ले गए। शिवराज सिंह चौहान की पत्नी साधना सिंह ने ही इन तीनों की शादियों के रिश्ते तय किए। प्रीति का विवाह विदिशा के ही रोहन के साथ, तो वही राधा का विवाह रायसेन जिले की बरेली के सोनू मेहरा से और सबसे छोटी बेटी सुमन का विवाह विदिशा के डंडा पुरा निवासी प्रशांत यादव के साथ तय किया गया।
2015 में इसी सेवाश्रम के माध्यम से हीना और रिंकी का विवाह बाढ़ वाले गणेश जी के मंदिर में हुआ था इसके 3 साल बाद 2019 में फिर तीन के विवाह हुए। बाकी बेटियों के विवाह धूमधाम से हुए लेकिन इस बार कोरोनावायरस के चलते विवाह में 50 से ज्यादा लोग शामिल नहीं होंगे। इस विवाह में मंदिर पुजारी, 3 पंडित, भोजन बनाने वालों के अलावा सुरक्षाकर्मी भी शामिल होंगे।
शादी की रस्मों के लिए शनिवार को साधना सिंह दोपहर में बाढ़ वाले गणेश जी के मंदिर पहुंची जहां पूजा के बाद उन्होंने शुभ कार्य से पहले भगवान सत्यनारायण की कथा कराई। उन्होंने अपनी तीनों बेटियों के लिए गृहस्थी का सामान भी खरीदा।