मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान रविवार को शहडोल दौरे पर थे, जहां उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में 27 जून को वीरांगना रानी दुर्गावती बलिदान दिवस के उपलक्ष्य में होने वाले कार्यक्रम सबंधी तैयारियों का जायजा लिया। सीएम शिवराज की संवेदनशीलता के तो सभी कायल हैं, लेकिन तैयारियों का जायजा लेने के बाद सीएम का एक अलग ही अंदाज देखने को मिला, जो भावनात्मक भी है और हृदयस्पर्शी भी, यही बात उन्हें अन्य नेताओं से अलग बनाती है।
मजदूरों के बीच पहुंचे सीएम
कार्यक्रम सबंधी तैयारियों का जायजा लेने के बाद मुख्यमंत्री शहडोल के पकरिया गांव में भरी दोपहरी में मजदूरों को काम करते देख उनके बीच पहुंच गए। सीएम को अपने बीच देख काम कर रहे मजदूरों के चेहरों पर खुशी और आनंद का ठिकाना नहीं रहा। उनके चेहरे पर खुशी झलक रही थी। सीएम ने मजदूर भाई-बहनों से चर्चा कर उनके हाल-चाल जान आत्मीय संवाद किया। मजदूरी कर रही बहनों से संवाद कर लाडली बहना योजना के बारे में जानकारी ली और फिर मजदूरों के साथ सीएम ने फोटो भी खिचाईं।सीएम ने पूछा- अम्मा कैसे दिए जामुन
सड़क के किनारे बैठकर जामुन बेच रही महिला को देख सीएम खुद को रोक न सके। पैदल सड़क पार कर जामुन बेच रही अम्मा के पास पहुंचे और पूछे, अम्मा कैसे दिए जामुन। इस दौरान मुख्यमंत्री ने जामुन भी चखे और उनके हाल चाल भी जाने। जितनी खुशी और प्रसन्नता अम्मा के चेहरे पर झलक रही थी, उतने ही खुश मुख्यमंत्री भी दिखे। इस बीच, सीएम ने वहां छोटे-छोटे बच्चों से भी संवाद किया।
फुटबॉल खेलते बच्चों के बीच मुख्यमंत्री
बच्चे मैदान में फुटबॉल खेल रहे थे, तभी सीएम भी उनके बीच पहुंच गए। फुटबॉल खेलते बच्चों से आत्मीय मुलाकात की। उनके परिवार और खेल गतिविधियों के बारे में जानकारी ली। बच्चों के साथ ग्रुप फोटो भी खिंचवाया।
बहनों हमें गरीब नहीं, लखपति बनना है
इस बीच, गांव में सड़क किनारे खड़ी महिलाओं के बीच पहुंचे, आजीविका मिशन की बहनों से संवाद किया। महिलाओं से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने उनकी आर्थिक स्थिति के बारे में जानकारी ली और कहा कि बहनों हमें गरीब नहीं रहना, लखपति बनना है। इस अवसर पर सीएम ने बहनों से लाडली बहना योजना के सबंध में बात कर उनके खुश रहने की कामना की।