मध्य प्रदेश के पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री के रासायनिक कचरे के निष्पादन को लेकर बवाल मचा हुआ है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार सरकार ने वहां कचरा पहुंचा दिया है और अब इसके निष्पादन की तैयारी चल रही है। इस बीच बड़ी संख्या में पीथमपुर के लोग इसका विरोध कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि इस कचरे को किसी दूसरी जगह पर जलाया जाना चाहिए। इस बीच मुख्यमंत्री मोहन यादव ने लोगों से अफवाहों पर यकीन न करने की अपील की है और कहा है कि सरकार जो कर रही है, वह सभी के हित में है। इस दौरान उन्होंने इशारों में कांग्रेस नेताओं पर निशाना भी साधा।
मोहन यादव ने कहा कि 40 साल पहले जिनके कार्यकाल में गैस त्रासदी हुई, वही गलतफहमी फैलाने से आज भी बाज नहीं आ रहे। अज्ञानता के आधार पर गलत बात फैलाई जा रही है, वोट की राजनीति के लिए कोई झूठी बात फैलाए तो मैं क्या कर सकता हूं। मैं इसकी निंदा करूंगा और इससे उन्हें बचाना चाहिए।
किसी की जान को खतरा नहीं
मोहन यादव ने कहा "नई पीढ़ी के बच्चे गलतफहमी पाल लेंगे तो यह किसी के लिए ठीक नहीं होगा। सरकार कभी नहीं चाहेगी कि किसी भी इंसान को नुकसान हो। कचरा निष्पादन के लिए पीथमपुर का चयन सुप्रीम कोर्ट ने किया। गलतफहमी फैलाने वालों से बचने की जरूरत है। सरकार वैज्ञानिकों के निर्देशन में कचरा निष्पादन करेगी। किसी की जान को खतरे वाला स्टेप नहीं हो सकता। कचरे का निष्पादन अभी नहीं हुआ है, केवल डंप किया गया है। सरकार मानती है कि सबका जीवन मूल्यवान है। उम्मीद करता हूं मेरी बात सब समझेंगे। कचरा नष्ट करने को लेकर रिपोर्ट के आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला लिया है।"
पीथमपुर में धारा 163 लागू
पीथमपुर में रासायनिक कचरा जलाने का जमकर विरोध हो रहा है। शुक्रवार को प्रदर्शनकारी और पुलिसकर्मी आमने-सामने आ गए थे। ऐसे में हालात काबू में करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज भी करना पड़ा। कानून व्यवस्था कायम करने के लिए पीथमपुर में धारा 163 लगा दी गई है। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में ‘ग्रीन कॉरिडोर’ बनाकर जहरीले कचरे को 12 सीलबंद कंटेनर ट्रकों में भोपाल से 250 किलोमीटर दूर धार जिले के पीथमपुर इंडस्ट्रियल एरिया की वेस्ट डिपोजिट यूनिट में लाया गया था। नागरिकों को डर है कि यूनियन कार्बाइड कारखाने का 337 टन जहरीला कचरा जलाने से पर्यावरण को नुकसान पहुंचेगा और लोगों को भी परेशानी होगी। इसी वजह से जोरदार प्रदर्शन हो रहा है।