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जर्मनी के म्यूनिख में सीएम मोहन यादव ने की प्रवासी भारतीयों के साथ बातचीत, जानें क्या कहा

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने जर्मनी के म्यूनिख में प्रवासी भारतीयों के साथ बातचीत की। इस दौरान उन्होंने भारत के झंडे में लगे चक्र और अशोक चिन्ह का मतलब समझाया और महाकाल की भी व्याख्या की।

Written By: Rituraj Tripathi @riturajfbd
Published : Nov 29, 2024 10:14 IST, Updated : Nov 29, 2024 12:25 IST
mohan yadav - India TV Hindi
Image Source : JANSAMPARK MP/YT मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव

म्यूनिख: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव यूरोप के दौरे पर हैं। इस दौरान उन्होंने जर्मनी के म्यूनिख में प्रवासी भारतीयों के साथ बातचीत की है। बता दें कि सीएम मोहन यादव का ये दौरा मध्य प्रदेश में निवेश के अवसरों पर केंद्रित है। प्रवासी भारतीयों से बातचीत से पहले सीएम मोहन यादव ने एक सत्र को संबोधित करते हुए कहा था कि मध्य प्रदेश में निवेश की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने निवेशकों से आग्रह किया वे मध्य प्रदेश में निवेश करें, राज्य सरकार हर तरह से सहयोग करेगी।

प्रवासी भारतीयों के साथ बातचीत में क्या बोले सीएम मोहन यादव?

एमपी के सीएम मोहन यादव ने कहा, 'भारतीय झंडे में बीच में एक चक्र बना होता है। इस चक्र की विशेषता क्या है? ये कहां से आया? इसमें 24 तीलियां ही क्यों है? इसका कोई तो कारण होगा। अगर ये सवाल नहीं होता तो आपका ध्यान नहीं जाता ना? हमको चक्र से निकलकर अशोक चिन्ह पर भी जाना होगा।'

मोहन यादव ने कहा, 'इस चक्र का मतलब है 24 घंटा। इस चराचर जगत में सब कुछ घूम रहा है। कोई नहीं रुक रहा है। समय लगातार घूम रहा है। इस चराचर जगत में जो आया है, वो जाएगा। सीएम ने ये भी कहा कि क्या आपको मालूम है कि हमारी घड़ी किससे चल रही है?'

मोहन यादव ने कहा कि हम सूर्य की परिक्रमा कर रहे हैं पृथ्वी से, तो पृथ्वी से सूर्य की परिक्रमा करने में जो 365 दिन के ऊपर जो हमारा समय लगेगा, उसकी कैलकुलेशन से हम घड़ी का समय निकाल रहे हैं। हम शुक्र पर जाएंगे तो 245 दिन में ही परिक्रमा हो जाएगी। शनि पर जाएंगे तो वो और भी लंबा है।' 

मोहन यादव ने कहा कि महाकाल की नगरी मतलब है काल की नगरी। काल की नगरी मतलब समय की बात। काल के देवता। समय के देवता मतलब हम सबका समय नियत है। यानी यहीं हमें महाकाल मिल गए ना? इसी समय के आधार पर हम अपनी प्रतिभा, योग्यता का इस्तेमाल कर रहे हैं। मोहन यादव ने कहा कि आपका भाग्य और पुरुषार्थ दोनों चाबियां जब लगेंगी, तब जाकर लॉकर खुलेगा। 

मोहन यादव ने कहा कि अशोक चिन्ह को जब आप देखोगे तो उसमें चक्र भी दिखेगा और पशु भी दिखेगा। इसके पीछे एक और बात है कि हमारे यहां, हमारी प्रकृति में समानता का अवसर दे रहे हैं। परमात्मा ने जो हमें दिया है, उसमें आत्म अनुशासन बहुत काम आता है।

https://www.youtube.com/watch?v=ePuWzEmKZmU

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