एक तरफ सदन में 1975 में इंदिरा सरकार द्वारा लगाई गई इमरजेंसी को लेकर हंगामा हो रहा है, तो दूसरी तरफ मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने आपातकाल के दौरान गिरफ्तार किए गए 750 मीसाबंदियों के लिए सविधाओं का ऐलान किया है। राजधानी भोपाल में बुधवार को मुख्यमंत्री आवास पर 'लोकतंत्र सेनानी सम्मान समारोह' आयोजित किया गया। इस मौके पर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने आपातकाल के दौरान किए गए लोगों के संघर्षों को याद किया। साथ ही ऐलान किया कि आपातकाल को राज्य के स्कूलों के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आजादी के कुछ वर्षों बाद ही देश में आपातकाल लगा दिया गया था, लेकिन लोकतंत्र सेनानियों के संघर्ष के कारण आज देश मजबूत लोकतंत्र वाला देश बना है।
मीसाबंदियों के लिए सुविधाओं का ऐलान
- मीसा बंदियों को टोल नाके पर छूट दी जाएगी।
- आयुष्मान योजना के तहत व्यय में देर नहीं होगी।
- गंभीर रूप से बीमार होने पर मध्य प्रदेश सरकार की एयर एंबुलेंस की सुविधा मुहैया कराई जाएगी।
- एयर टैक्सी में 25 फीसदी की छूट दी जाएगी।
- लोकतंत्र सेनानियों का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ होगा। इसके साथ ही ताम्रपत्र भी दिया जाएगा।
- अंत्येष्टि के समय पहले ₹8000 रुपये दिए जाते थे, अब 10000 रुपये मिलेंगे।
- सर्किट हाउस और रेस्ट हाउस में 50 प्रतिशत किराए पर तीन दिन तक रुकने की सुविधा का लाभ मिलेगा।
'लोकतंत्र सेनानी' दिया गया नाम
बता दें कि आपातकाल के दौरान गिरफ्तार किए गए लोगों को मीसाबंदी कहा जाता है। भाजपा ने इन्हें 'लोकतंत्र सेनानी' नाम दिया है। आपातकाल के दौरान गिरफ्तार लोगों को MISA यानी मेंटेनेंस ऑफ इंटरनल सिक्योरिटी एक्ट के तहत गिरफ्तार किया जाता था। आपातकाल के दौरान भाजपा का नारा था- हर जोर-जुल्म की टक्कर पर संघर्ष हमारा नारा है, की भी कार्यक्रम के दौरान चर्चा हुई। मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित इस कार्यक्रम में प्रदेश के तमाम मीसाबंदियों को बुलाया गया।
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