भोपाल: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में मध्य प्रदेश की जनता के सवालों को राजनेताओं से पूछने के लिए इंडिया टीवी ने एक खास कार्यक्रम चुनाव मंच का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में प्रसिद्ध कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा भी शामिल हुए। उन्होंने कहा कि भेदभाव नहीं करना ही राजधर्म है। सभ्यता और संस्कार से जुड़े रहना ही राजधर्म है। सबके प्रति आदर और समर्पण ही राजधर्म है। सनातन धर्म में बंटवारे की कोई बात नहीं है।
उन्होंने कहा कि जो सबको साथ लेकर चल रहा है, वही सही मार्ग पर है। धर्म और राजनीति सालों से एकसाथ चलते आ रहे हैं। जो सही रास्ते पर है, ईश्वर उसके साथ है। एमपी की जनता अगली सरकार का फैसला करेगी।
कौन राजनेता सही मार्ग और कौन गलत मार्ग पर?
प्रदीप मिश्रा ने कहा कि धर्म के पथ पर जो श्रेष्ठता से चलता है, सतमार्ग पर चलता है, वह सिंहासन और अच्छे पद पर बैठ सकता है। उन्होंने कहा कि जो सही है, वह लंबा टिकता है। जो सही नहीं है, वह थोड़े दिन में डूब जाता है। जो सही मार्ग पर चल रहा है, परमात्मा भी उसका हाथ पकड़कर चलता है। जो व्यक्ति धर्म को आगे बढ़ा रहा है, सही से चल रहा है, सबको साथ लेकर चल रहा है, वह टिकेगा।
मौजूदा सरकार पर क्या बोले प्रदीप?
पंडित प्रदीप मिश्रा ने सीधे तौर पर सरकार पर कुछ भी बोलने से मना किया। उन्होंने कहा कि कौन कितना संस्कारवान है और किसने कितना विकास किया है, ये जनता आगे आने वाले चुनाव में तय करेगी। आने वाले चुनाव में ये पता लगेगा कि सरकार ने जो दिया, वह जनमानस तक पहुंचा या नहीं पहुंचा। जनता ही ये बताएगी कि सरकार द्वारा मिलने वाली चीजें उस तक पहुंचीं या केवल ये ऊपर तक ही रह गईं।
धर्म को राजनीति का आश्रय नहीं चाहिए: प्रदीप
प्रदीप मिश्रा ने कहा कि राजनीति को धर्म का आश्रय चाहिए होगा लेकिन धर्म को राजनीति का आश्रय नहीं चाहिए। राजनीति को चाहिए कि कोई संत या गुरू मिल जाए, जो उसकी नैया पार लगा जाए। भगवान की भक्ति का बहुत असर पड़ता है।
आडंबर को लेकर कही ये बात
पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि विश्वास ही चमत्कार का स्त्रोत है। हिंदू धर्म में लोगों को आडंबर दिखाई देता है। क्या बाकी धर्मों में लोगों को आडंबर नहीं दिखाई देता है? सनातन धर्म के अंतर्गत कोई आडंबर नहीं है। हिंदू किसी से डरता नहीं है इसलिए ताल ठोककर सारे काम करता है।
मध्य प्रदेश में बीजेपी और कांग्रेस आमने-सामने
मध्य प्रदेश में चुनावी आगाज हो चुका है। इन चुनावों में भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच मुख्य लड़ाई मानी जा रही है। दोनों दल अपनी तैयारियों को अंतिम रूप दे रहे हैं। दोनों दलों ने कुछ सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नामों का ऐलान भी कर दिया है। इस दौरान उस समय सबको आश्चर्य हुआ जब बीजेपी ने तीन केंद्रीय मंत्री सहित सात सांसदों को विधानसभा चुनावों में उतार दिया। इसमें नरेंद्र सिंह तोमर, प्रहलाद पटेल और फग्गन सिंह कुलस्ते का नाम शामिल है। इसके अलावा पार्टी ने चार अन्य लोकसभा सांसदों को टिकट दिया है। बीजेपी ने विधानसभा चुनावों में इतने सांसदों और केंद्रीय मंत्रियों को मैदान में क्यों उतारा है, ये सियासत में चर्चा का विषय बना हुआ है।
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