उज्जैन: मध्य प्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में बना नया रेलवे स्टेशन चिंतामन गणेश उदघाटन से पहले ही एक विवाद के कारण सुर्खियों में आ गया है। चिंतामन गणेश मंदिर के सामने बने स्टेशन की पट्टिका पर उर्दू में स्टेशन का नाम लिखा होने पर विवाद खड़ा हुआ तो रातों-रात उर्दू में लिखे नाम को पोत दिया गया। लेकिन ये रेलवे की कार्रवाई है या किसी और ने पीला रंग पोत दिया है फिलहाल इसका पता नहीं चल पाया है। आवाहन अखाड़े के महामंडलेश्वर आचार्य शेखर ने इस पर आपत्ति दर्ज कराई थी। उन्हें पट्टिका पर स्टेशन का नाम उर्दू में भी लिखे होने पर एतराज था।
वहीं, आपको बता दें कि अब इस मामले पर रेलवे ने अपना पक्षा रखा है। इंडिया टीवी की खबर के ट्वीट पर जवाब देते हुए रेलवे ने लिखा है, ''इंडियन रेलवे वर्क्स मैनुअल के अनुच्छेद 424 (f) (iii) में उन जिलों का उल्लेख है जिनमें स्टेशनों पर उर्दू में भी नाम लिखा होना चाहिए। चूंकि चिंतामन गणेश स्टेशन उज्जैन जिले में आता है जो इस सूची में नहीं है अतः इस स्टेशन के नामपट्ट में अपेक्षित सुधार किया गया है।''
बता दें कि उज्जैन में चिंतामन गणेश मंदिर के सामने बने नए स्टेशन का नाम इसी मंदिर के नाम पर रखा गया है और अभी इसका उद्घाटन भी नहीं हुआ है। उज्जैन से चलकर फातियाबाद जाने के लिए स्टेशन का नाम चिंतामन गणेश रखा गया है। उज्जैन में महाकाल मंदिर दर्शन के बाद ज्यादातर श्रद्धालु भगवान् चिंतामन गणेश के मंदिर भी जाते हैं। ये देशभर में काफी प्रसिद्ध मंदिर भी है।
रेलवे ने बाकी स्टेशनों की तरह हिंदी के साथ उर्दू में भी स्टेशन का नाम लिखी पट्टिका लगाई थी। आवाहन अखाड़े के संत आचार्य शेखर को इस पर सख्त एतराज था और उन्होंने पट्टिका पर से उर्दू हटाने की मांग की थी। विवाद बढ़ता देख देर रात किसी ने स्टेशन की पट्टिका से उर्दू में लिखा नाम हटा दिया और उस पर पीला रंग पोत दिया गया। अमूमन रेलवे स्टेशनों पर अलग अलग भाषा में स्टेशन के नाम लिखने का नियम है।