मध्य प्रदेश में हो रही बारिश ने स्कूलों की पोल खोल दी है। यहां एक-एक कर कई स्कूलों के वीडियो सामने आ रहे हैं, जहां स्कूल की छत से पानी टपक रहा है और बच्चे टपकती छत के नीचे पढ़ाई करने के लिए मजबूर हैं। स्कूल भवन की जर्जर हालत बच्चों और शिक्षकों के लिए जानलेवा भी हो सकती है। पहले राज्य के छिंदवाड़ा से एक स्कूल का वीडियो सामने आया था, जहां छत से पानी गिरने पर पालीथिन लगाई गई थी और बच्चे उसके नीचे बैठकर पढ़ रहे थे। अब राजगढ़ से ऐसा ही वीडियो सामने आया है।
राजगढ़ जिले के ब्यावरा के शासकीय माध्यमिक स्कूल भड़क्या में छत से पानी टपकने के कारण यहां के विद्यार्थी छता लगाकर पढ़ने को मजबूर हैं। भड़क्या में 2001 में मिडिल स्कूल स्थापित किया गया था, उसके एक-दो साल बाद भवन निर्माण हुआ था, लेकिन इस नए भवन के ही छत से पिछले कई सालों से बारिश के दौरान पानी टपक रहा है। यहां के छात्र-छात्राएं छाता लगाकर पढ़ने को विवश हैं।
छाता लगाकर पढ़ रहे बच्चे
जानकारी के अनुसार मिडिल स्कूल भक्या में 28 छात्र-छात्रएं हैं। इन पर चार शिक्षक पदस्थ हैं। क्षेत्र में पिछले कुछ दिनों से लगातार रिमझिम बारिश का दौर जारी हैं, जिस कारण भवन के छत से पानी टपक रहा हैं। छत से टपकता पानी बच्चों की पढ़ाई में बाधा उत्पन्न कर रहा हैं। स्थिति यह है कि बच्चे छाता लगाकर अपनी पढ़ाई करने को विवश हैं।
छिंदवाड़ा में पॉलीथिन के नीचे हो रही पढ़ाई
छिंदवाड़ा में तामिया के बिजोरी पठार के शासकीय एकीकृत विद्यालय में बारिश होने पर स्कूल भवन की छत से पानी टपकने लगता है। टपकती छत से बचने के लिए स्कूल भवन में बाकायदा पॉलिथीन लगाई गई है, जिससे कि स्कूल भवन में छात्र-छात्राएं पढ़ाई कर सके। हालांकि, इससे से भी पानी रिसकर यहां पढ़ने वाले बच्चों को गीला कर रहा हैं और दीवारों से पानी रिसकर कमरों में भरा जा रहा है, जिससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। यह हाल देखकर लगता है कि जिम्मेदारों की अनदेखी के चलते बच्चों की जान जोखिम में है। इस भवन की स्थिति यह हो चुकी है कि बच्चे बैठ नहीं पा रहे हैं लेकिन पॉलिथीन लगाकर बच्चे पढ़ाई करने को मजबूर हैं। बच्चे रोजाना सुबह से ही पूरे दिन में दो से तीन बार स्कूल के कमरों से पानी बाहर फेंकते हैं।
(राजगढ़ से गोविंद सोनी की रिपोर्ट)
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