
लापरवाही के लिए सुर्खियों में रहने वाले छतरपुर के शिक्षा विभाग का एक और चौंकाने वाला कारनामा सामने आया है। इस बार विभाग ने एक दिवंगत प्राचार्य को उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन का जिम्मा सौंपा है। शिभा विभाग का यह आदेश पूरे जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है। मामला उजागर होने के बाद जिला शिक्षा अधिकारी ने गलती स्वीकारते हुए दिवंगत प्राचार्य का नाम ड्यूटी से हटाने की बात कही है, लेकिन इसका आदेश अभी तक सामने नहीं आया है।
शिक्षा विभाग के इस कारनामे से न सिर्फ छतरपुर बल्कि पूरे मध्यप्रदेश में यहां के अधिकारी-कर्मचारियों की किरकिरी हो रही है। 13 मार्च से बोर्ड परीक्षाओं की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन की प्रक्रिया शुरु हो गई है और शिक्षा विभाग द्वारा इस कार्य में जिले के लगभग 500 शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है। लापरवाही यह है कि इन 500 शिक्षकों में एक नाम चंद्रप्रकाश तिवारी का है जो कि हाई स्कूल सिमरिया के भूतपूर्व प्राचार्य और जीव विज्ञान विषय के शिक्षक रहे हैं।
पिछले साल हुआ था निधन
13 दिसंबर 2024 को चंद्रप्रकाश तिवारी का निधन हो गया था, लेकिन शिक्षा विभाग के दस्तावेजों में वे आज भी जीवित हैं। मामला सामने तब आया जब जिला मुख्यालय के शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय क्रमांक-1 में 16 मार्च को उन्हें प्रशिक्षण के लिए आमंत्रित किया गया। शिक्षा विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार 16 मार्च को प्रशिक्षण की दूसरी पारी यानि की दोपहर डेढ़ बजे से पांच बजे तक उन्हें प्रशिक्षण के लिए आमंत्रित किया गया था। जब वह पढ़ाने नहीं पहुंचे तो हंगामा हुआ क्योंकि दिवंगत शिक्षक की भी ड्यूटी लगा दी गई थी।
प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी आर.पी. प्रजापति ने कहा "कितने शिक्षकों की ड्यूटी उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में लगाई है, इसकी सही संख्या मुझे पता नहीं है। एक दिवंगत प्राचार्य की ड्यूटी लगाए जाने का मामला मेरे संज्ञान में आया है, संबंधित प्राचार्य का नाम सूची से हटा दिया गया है।"
(छतरपुर से प्रेम गुप्ता की रिपोर्ट)