मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में एक बार फिर चीतों की आमद हुई है। वह आने वाले दिनों में पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र भी बनेंगे। भारत की धरती चीता विहीन हो चुकी थी और चीतों की पुनर्स्थापना के लिए सबसे अनुकूल जगह के तौर पर मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क को चुना गया और यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के मौके पर 17 सितंबर 2022 को नामीबिया से चीतों का पहला दल आया था और उसके बाद दूसरी खेप में भी चीते आए।
खुले जंगल में छोड़ने की शुरुआत
इन चीतों को पहले बाड़े में रखा गया और फिर उन्हें खुले जंगल में छोड़ने की कवायद हुई। चीतों को कूनों के जंगल में छोड़ा गया, तो कई चीते संक्रमण का शिकार हो गए और मौतों का सिलसिला भी शुरू हो गया, जिसके चलते इन चीतों को फिर बाड़े में कैद कर दिया गया। बीते लगभग चार माह से यह चीते बाड़े में कैद हैं और अब उन्हें खुले जंगल में छोड़ने की शुरुआत हुई है। पहले चरण में दो चीते और फिर एक चीते को जंगल में छोड़ दिया गया है। इन तीनों चीतों की हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है।
अब पर्यटक चीतों को देख सकेंगे
मुख्य वन संरक्षक सिंह परियोजना ने बताया कि दो नर चीता अग्नि और वायु को कूनो राष्ट्रीय उद्यान के पारोंद वन क्षेत्र में छोड़ा गया। दोनों चीते पूरी तरह से स्वस्थ हैं। पारोंद वन क्षेत्र अहेरा पर्यटन जोन के अंतर्गत है। पर्यटन जोन में चीतों की मौजूदगी से अब पर्यटक चीतों को देख सकेंगे। इसी क्रम में बुधवार को मादा चीता वीरा को कूनो राष्ट्रीय उद्यान के नयागांव वनक्षेत्र में छोड़ा गया। मादा चीता वीरा पूर्ण रूप से स्वस्थ है। नयागांव वनक्षेत्र पीपलबावड़ी पर्यटन जोन के अंतर्गत है। पर्यटन जोन में चीतों की मौजूदगी से अब पर्यटक चीतों को देख सकेंगे। चीतों के एक बार फिर कूनो नेशनल पार्क के जंगल में छोड़े जाने से पर्यटक यहां इन चीतों के दीदार कर सकेंगे और ये चीते इस नेशनल पार्क की खूबसूरती को और बढ़ाने में मददगार होंगे।
- IANS इनपुट के साथ