अंतरराष्ट्रीय चीता दिवस के मौके पर मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क को 'अग्नि' और 'वायु' नाम के दो चीतों की सौगात मिली। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने जानकारी देते हुए बताया कि एशिया और भारत से 100 साल पहले लुप्त हुए चीते को आज हमारे द्वारा खुले बाड़े में छोड़ा गया है।
बाड़े में अभी 24 चीते हैं
मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क के बाड़े में अभी 12 शावक सहित 24 चीते हैं। इन चीतों को नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से लाने के बाद पहले बाड़े में रखा गया। भारतीय वातावरण में अनुकूल होने के बाद इनमें से दो चीते को अब कूनो नेशनल पार्क के खुले वन क्षेत्र में लंबे इंतजार के बाद बुधवार को छोड़ा गया। उन्हें खुले वन क्षेत्र में छोड़ने से पहले तमाम वन विशेषज्ञों ने इन चीतों की सुरक्षा, भोजन और विचरण को लेकर लंबी चर्चा की। माना जा रहा है कि कुछ दिनों में दो से तीन चीते और छोड़े जा सकते हैं।
"एमपी वन्यजीवों के लिए आदर्श स्थान"
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा, "मुझे इस बात की प्रसन्नता है कि मध्य प्रदेश पूरे देश में वन्यजीवों के लिए एक आदर्श स्थान है। यही कारण है कि आज मध्य प्रदेश में टाइगर स्टेट बना है। दुनिया के किसी भी राष्ट्र में इतने टाइगर नहीं जितने भारत में हैं और भारत के किसी राज्य में इतने टाइगर नहीं जितने मध्य प्रदेश में हैं। इस प्रकार से हमने बीते दो-तीन महीने में टाइगर रिजर्व को भी मंजूरी देना शुरू किया है। आठवें नंबर पर हम रातापानी टाइगर पार्क को मंजूरी देने वाले हैं।"
उन्होंने कहा, "एक और बड़ी बात ये है कि हमारे जंगलों के अंदर चीता जो लगभग 100 साल पहले लुप्त हुआ था, मध्य प्रदेश क्या, देश क्या, पूरे एशिया में लुप्त हो गया था। हमारे प्रधानमंत्री की प्रेरणा से अन्य महाद्वीप से लाकर इस प्राणी को हमने दोबारा बसाने का जो अभियान चालू किया था, मुझे संतोष है कि मध्य प्रदेश में वह फल-फूल रहा है। इस परियोजना के माध्यम से हम चीते जैसे लुप्त हो चुके प्राणियों को वापस लाकर जंगलों में उनकी पुनर्स्थापना कर रहे हैं, जो पूरे देश और प्रदेश की धरोहर है।
यहां देखें वीडियो-
ये भी पढ़ें-
देवेंद्र फडणवीस के नाम का ऐलान होते ही खुशी से झूम उठीं 'लाडली बहनें', निकल पड़ीं मुंबई की ओर'नेताजी' के चक्कर में नप गए जेलर, संभल हिंसा के आरोपियों से जेल में मुलाकात करवाना पड़ा भारी