नयी दिल्ली/भोपाल। राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने मध्य प्रदेश के इंदौर में एक मुस्लिम चूड़ी विक्रेता की पिटाई के मामले में सोमवार को जिला प्रशासन को नोटिस जारी किया और विस्तृत रिपोर्ट तलब की। आयोग के उपाध्यक्ष आतिफ रशीद के निर्देश पर इंदौर के जिला अधिकारी को जारी किये गए नोटिस में कहा गया है कि जिले में कई 'सांप्रदायिक घटनाएं' हुईं, जिनमें से यह एक है और ऐसा लगता है कि ऐसी घटनाओं से प्रशासन सही ढंग से नहीं निपट पाया है।
अल्पसंख्यक आयोग ने कहा, 'सात दिनों के भीतर विस्तृत रिपोर्ट दी जाए। यह बताया जाए कि दोषियों के खिलाफ क्या कार्रवाई हुई और आगे ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए क्या कदम उठाये जा रहे हैं?' पुलिस के अनुसार, मूलतः उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले के रहने वाले चूड़ी विक्रेता तस्लीम अली (25) को इंदौर के गोविंद नगर क्षेत्र में पीटे जाने की घटना रविवार दोपहर की है। घटना के वायरल वीडियो में भीड़ में शामिल लोग चूड़ी विक्रेता को पीटते दिखाई दे रहे हैं, जबकि वह उनसे छोड़ देने का आग्रह कर रहा है।
घटना के दूसरे वीडियो में चूड़ी विक्रेता को पीट रहा एक व्यक्ति उस पर महिलाओं से छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए मौके पर मौजूद अन्य लोगों को उसकी पिटाई के लिए उकसा रहा है। पुलिस ने इस घटना के संदर्भ में कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया है।
चूड़ी विक्रेता पर नाबालिग छात्रा के लैंगिक उत्पीड़न का मामला दर्ज
मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में फेरी लगाकर चूड़ियां बेच रहे 25 वर्षीय व्यक्ति को भीड़ द्वारा नाम पूछे जाने के बाद पीटे जाने पर मचे बवाल के बीच नया मोड़ आ गया, जब पुलिस ने सोमवार शाम इस शख्स पर 13 वर्षीय स्कूली छात्रा के लैंगिक उत्पीड़न और दस्तावेजों की जालसाजी के आरोपों में मामला दर्ज किया। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि कक्षा छह में पढ़ने वाली छात्रा ने बाणगंगा पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई है कि रविवार दोपहर तस्लीम अली (25) अपना नाम "गोलू पिता मोहनसिंह" बताकर चूड़ियां बेचने उसके घर आया और उसने उसे "बहुत सुंदर" बताते हुए बुरी नीयत से उसके शरीर को छुआ।
अधिकारियों ने बताया कि नाबालिग लड़की ने शिकायत में कहा कि अली की इस हरकत को लेकर उसके शोर मचाने पर उसकी मां उसके पास पहुंची, तो चूड़ी विक्रेता उन्हें जान से मारने की कथित धमकी देकर भागने लगा, लेकिन आस-पड़ोस के लोगों ने पीछा कर उसे पकड़ लिया। उन्होंने प्राथमिकी के हवाले से बताया कि अली द्वारा जल्दबाजी में छोड़ दी गई थैली से दो आधार कार्ड मिले हैं और इनमें से एक में इसके धारक के नाम के रूप में "असलीम पिता मोरसिंह" छपा है, जबकि दूसरे आधार कार्ड में "तस्लीम पिता मोहर अली" छापा गया है। अधिकारियों ने बताया कि लड़की की शिकायत पर अली के खिलाफ लैंगिक अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम (पॉक्सो एक्ट) और भारतीय दंड विधान की धारा 420 (धोखाधड़ी), 471 (जाली दस्तावेज को असली के रूप में इस्तेमाल करना) और अन्य सम्बद्ध प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।
पॉक्सो एक्ट की कार्रवाई पर भड़के ओवैसी
इधर, इस मामले को लेकर एआईएमआईएम (AIMIM) के नेता असदुद्दीन ओवैसी का गुस्सा भड़क गया। उन्होंने एक के बाद एक लगातार दो ट्वीट करते हुए लिखा कि 'इंदौर में चूड़ियां बेचने वाले तसलीम को एक उग्रवादी भीड़ ने बेरहमी से पीटा। अब पुलिस ने तसलीम के खिलाफ़ ही FIR दर्ज कर दिया। तसलीम का जुर्म ये है के वो मुसलमान होने के बावजूद चुप-चाप लिंच नहीं हुआ। उसको लूटने और मारने वाले अभी तक गिरफ़्तार नहीं हुए। म.प्र के गृह मंत्री भी खुल के अपराधियों के लिए बहाने बना रहे है। चुनी हुई सरकारों और उग्रवादी भीड़ों में कोई फ़र्क़ नहीं रहा।
हिंदू नाम रख बेच रहा था चूड़ियां- नरोत्तम मिश्रा
राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भोपाल में कहा, "गृह विभाग की रिपोर्ट है कि इंदौर में चूड़ी बेच रहे व्यक्ति (तस्लीम अली) ने स्वयं का हिंदू नाम रखा हुआ था, जबकि वह दूसरे समुदाय का है। उसके पास से इस तरह के दो (संदिग्ध) आधार कार्ड भी मिले हैं।" गृह मंत्री के मुताबिक अली द्वारा सावन के पवित्र माह में अपना नाम कथित तौर पर बदलकर महिलाओं को चूड़ी बेचने को लेकर विवाद शुरू हुआ था और इस झगड़े से जुड़े दोनों पक्षों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की गई है। पुलिस अधीक्षक आशुतोष बागरी ने बताया कि इंदौर के गोविंद नगर में चूड़ियां बेच रहे अली को रविवार दोपहर भीड़ द्वारा पीटे जाने के मामले में दो लोगों-राजेश पवार और राजकुमार भटनागर को हिरासत में लिया गया है। उन्होंने बताया कि भीड़ में शामिल विवेक व्यास तथा अन्य लोगों की तलाश की जा रही है।
पीटने वाले लोगों की तलाश जारी
पुलिस के एक अधिकारी ने सोमवार को बताया कि उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले के रहने वाले चूड़ी विक्रेता तस्लीम अली ने रविवार देर रात सेंट्रल कोतवाली थाने में शिकायत दर्ज कराई कि गोविंद नगर में पांच-छह लोगों ने उसका नाम पूछा और जब उसने अपना नाम बताया, तो उन्होंने उसे पीटना शुरू कर दिया। उन्होंने बताया कि चूड़ी विक्रेता ने अपनी शिकायत में यह आरोप भी लगाया कि लोगों ने उसके लिए सांप्रदायिक तौर पर आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया और उससे 10,000 रुपये की नकदी, मोबाइल फोन, आधार कार्ड और अन्य दस्तावेजों के साथ ही करीब 25,000 रुपये मूल्य की चूड़ियां छीन लीं। अधिकारी ने बताया कि चूड़ी विक्रेता को पीटने वाले लोगों की तलाश की जा रही है।