मध्य प्रदेश के बालाघाट के किरनापुर थाना अंतर्गत आने वाले ग्राम रंमगड़ी में शादी के दिन एक दुल्हन सज-धजकर अपनी बारात का इंतजार करती रही लेकिन ना बारात आई ना दूल्हा आया। बात थी दहेज की क्योंकि लड़की के पिता ने दहेज के रूप मे सोना चांदी, मोटर सायकल और बारात के आने जाने का किराया नहीं दिया था जिसकी वजह से नाराज वरपक्ष बारात लेकर नहीं आया। दुल्हन का इंतजार, इंतजार ही रह गया। दूल्हा बारात लेकर नहीं आया लेकिन अब ये मामला थाने तक पहुंच गया है।
जानकारी के मुताबिक 10 मई को रंमगढ़ी मे रहने वाले सूर्यवंशी परिवार की बेटी का विवाह होना था लेकिन दूल्हा बारात लेकर नही पहुंचा तो खुशियों के पल सन्नाटे में बदल गए। जानकारी मे आया कि नरेंद्र सूर्यवंशी की बेटी का विवाह महाराष्ट्र के नागपुर निवासी अश्विन पिता धनराज चौहान के साथ तय हुआ था और 10 मई को परिणय सूत्र में बंधने वाले थे, जिसकी लगभग पूरी तैयारियां लड़की के माता पिता ने कर ली थी। दहेज, साज सज्जा सहित आने वाले घरातियों और बारातियों के लिए भोजन पंडाल सजा दिए गए थे। मंडप भी सजा लिया गया था लेकिन ऐन वक्त पर दूल्हा और उसके परिवार वालों ने बारात लाने से मना कर दिया।
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दहेज का लालची दूल्हा हुआ नाराज, नहीं लाया बारात
आरोप है कि दहेज के लालची दूल्हा अश्विन चौहान ने लग्न के एक दिन पहले 9 मई की सुबह दुल्हन के पिता से दहेज में सोने की चैन एक मोटरसाइकिल सहित 2 लाख रुपये नगद की मांग की और ये भी कहा कि यदि नही दे सकते तो बारात नही आएगी। दुल्हन के परिजनों ने गरीब होने के चलते अपनी असहमति जतायी और बारात लेकर आने का आग्रह किया। जब 10 मई लग्न की तारीख आयी और बारात देर रात तक नहीं आई तो इसकी जानकारी मिलते ही जैसे लड़की के माता पिता पर दुख का पहाड़ टूट गया। घर में आए सभी मेहमानों को जानकारी लगी तो खुशी का माहौल सन्नाटे में बदल गया।
मामला पहुंचा थाने
हालांकि लड़की के माता पिता सहित अन्य रिश्तेदारों ने दूल्हा और उसके परिवार वालों को फोन पर बहुत समझाया और वे 11 मई तक इंजतार करते रहे कि दूल्हा बारात लेकर आएगा लेकिन वे मानने को तैयार नही हुए। इस बात से दुखी दुल्हन के पिता नरेंद्र सूर्यवंशी ने आज 12 मई को किरनापुर थाने में शिकायत दर्ज करा दी है और अब पुलिस मामले मे जांच कर रही है।
(बालाघाट से शौकत बिसाने की रिपोर्ट)