कर्नाटक के बाद मध्य प्रदेश में भी बीजेपी की सरकार भ्रष्टाचार के मामलों से घिरती जा रही है। इससे शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार के खिलाफ बढ़ते गुस्से की वजह से पार्टी को और अधिक समस्याओं का सामना कर पड़ रहा है। इसी साल राज्य में विधानसभा चुनाव है। इससे पहले शीर्ष स्तर से लेकर जमीनी स्तर के कैडर तक असंतोष मध्य प्रदेश में बीजेपी के लिए और अधिक चुनौतियां पैदा कर रहा है। राज्य नेतृत्व संभावित विद्रोहों को शांत करने की कोशिश कर रहा है और अब संगठन के नेताओं को इस मुश्किल काम में लगाया गया है।
बीजेपी के सूत्रों से मिली जानकारी के मु्ताबिक, पिछले कुछ सालों से बागी पूर्व विधायकों, पूर्व मंत्रियों को दरकिनार करने की तुलना में निचले स्तर के पार्टी कार्यकर्ताओं में बढ़ता असंतोष अधिक परेशान कर रहा है। इसने शिवराज नेतृत्व को बूथ स्तर पर तीसरे दौर का अभियान शुरू करने के लिए प्रेरित किया। स्थिति का जायजा लेने के लिए संगठन के नेताओं का एक समूह बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं के साथ बंद कमरे में बैठक कर रहा है।
असंतुष्ट नेताओं-कार्यकर्ताओं को शांत करने का जिम्मा
बीजेपी के सूत्रों ने बताया कि बीजेपी के राष्ट्रीय सह संगठन महासचिव शिवप्रकाश, क्षेत्रीय संगठन महासचिव अजय जंबार और राज्य प्रभारी मुरलीधर राव को असंतुष्ट नेताओं और कार्यकर्ताओं को शांत करने का जिम्मा सौंपा गया है। संगठनात्मक कार्य देखने वाले बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि संगठन के नेता निचले स्तर के कार्यकर्ताओं से मिल रहे हैं, ताकि उन्हें पार्टी के साथ रखा जा सके और स्थानीय नेताओं की समीक्षा की जा सके। समीक्षाओं के आधार पर बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं को उन लोगों तक पहुंचने का काम सौंपा जा रहा है, जो विपक्ष को अपना समर्थन दे सकते हैं।
शिवराज सरकार में भ्रष्टाचार के खिलाफ बढ़ती लहर
जरूरी बात यह है कि असंतोष केवल कुछ प्रमुख क्षेत्रीय नेताओं के कारण ही नहीं, बल्कि शिवराज सिंह चौहान सरकार में भ्रष्टाचार के खिलाफ बढ़ती लहर के कारण भी बढ़ रहा है। रीवा में एक बीजेपी कार्यकर्ता ने कहा कि शीर्ष नेतृत्व ने स्थानीय कार्यकर्ताओं पर कोई ध्यान नहीं दिया है। अब जब चुनाव नजदीक आ रहा है, तो हमारे नेता जाग गए हैं और स्थानीय कार्यकर्ताओं से मिल रहे हैं।