Friday, October 11, 2024
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बीजेपी विधायक के कहने पर SHO ने दर्ज नहीं की FIR तो दे दिया इस्तीफा, बोले- 'ऐसी विधायकी मुझे नहीं करनी', बाद में पलटे

सागर जिले के केसली थाने में बीजेपी विधायक बृज बिहारी पटेरिया धरने पर बैठ गए और एक डॉक्टर पर एफआईआर दर्ज करने की मांग पर अड़ गए। बात नहीं मानी गई तो उन्होंने विधायकी से इस्तीफा देने की घोषणा कर दी।

Edited By: Mangal Yadav @MangalyYadav
Updated on: October 11, 2024 8:31 IST
बीजेपी विधायक बृज बिहारी पटेरिया- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV बीजेपी विधायक बृज बिहारी पटेरिया

सागर:मध्य प्रदेश के सागर जिले के देवरी से भाजपा विधायक बृज बिहारी पटेरिया ने अपनी विधानसभा के एक थाने से नाराज होकर पार्टी अध्यक्ष को पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने इस्तीफा देने की बात कही है। यही नहीं बीजेपी विधायक ने पुलिस थाने में धरना दिया। इस दौरान थाने में उनके समर्थकों की भीड़ भी जुट गई। बीजेपी विधायक घटनाक्रम के कुछ घंटे के अंदर ही इपने बयान से पटल गए और कहा कि आक्रोश में आकर उन्होंने यह कदम उठाया। अब इस्तीफा जैसी कोई बात नहीं है।

थाना प्रभारी ने बात नहीं मानी तो धरने पर बैठे विधायक

जानकारी के अनुसार, देवरी विधानसभा से भाजपा विधायक बृज बिहारी पटेरिया गुरुवार शाम एक पीड़ित पक्ष की शिकायत पर केसली थाने पहुंचे और एक डॉक्टर पर एफआईआर दर्ज करने की मांग करने लगे। विधायक के कहने पर जब थाना प्रभारी ने एफआईआर दर्ज नहीं की तो वह नाराज होकर थाने के बाहर धरने पर बैठ गए। इसके साथ ही उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा देने की घोषणा कर दी। इस संबंध में उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष को इस्तीफा भेज दिया है। विधायक का इस्तीफा सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

पीड़ित परिवार से डॉक्टर ने मांगा रिश्वत

विधायक बृज बिहारी पटेरिया ने बताया कि रोहित यादव के पिता की सांप काटने से मौत हो गई थी। पीड़ित परिजन रिपोर्ट लिखाने आए थे। मृतक का पोस्टमार्टम भी हुआ। पोस्टमार्टम रिपोर्ट देने के लिए डॉक्टर ने रिश्वत की मांग की। आरोप है कि डॉक्टर ने पीड़ित को कहा कि अगर पैसे नहीं दोगे तो हम सांप काटने से हुई मौत नहीं लिखेंगे। 

विधायक के कहने पर भी दर्ज नहीं की एफआईआर

विधायक ने कहा कि पीड़ित गरीब आदमी है। उसके पास नहीं पैसे थे। डॉक्टर ने जो रिपोर्ट बनाई उसमें सर्वदंश नहीं लिखा। हमने टीआई को भी फोन किया। एसपी साहब से भी बात हुई। सब लोगों को बताया कि यह गंभीर मामला है। आपको रिपोर्ट लिखने में क्या दिक्कत है। रिपोर्ट लिखिए जांच कीजिए। एफआईआर सही तो करवाई कीजिए। सही नहीं है तो करवाई मत कीजिए। इस बात को लेकर थोड़ी तनातनी हो गई। अब वह रिपोर्ट लिखने को तैयार नहीं है। वे लोग सर्कुलर दिखा रहे हैं। कह रहे हैं कि यह सेंट्रल गवर्नमेंट का सर्कुलर है। यह स्टेट गवर्नमेंट का सर्कुलर है। 
 
 
विधायक ने दिया इस्तीफा, बोले- ऐसी विधायकी अब मुझे नहीं करना

पटेरिया ने कहा कि मैंने थाना प्रभारी को कहा कि जब निर्वाचित विधायक के खिलाफ एफआईआर हो सकती है तो डॉक्टर के खिलाफ क्यों नहीं हो सकती। ऐसा निर्वाचित विधायक होने का कोई मतलब नहीं है। यदि विधायक को खुद आना पड़े थाने में पीड़ित पक्ष की रिपोर्ट लिखने के लिए और रिपोर्ट ना लिखी जाए इससे शर्मनाक बात क्या हो सकती है। वह भी तब जब सत्ता पक्ष के विधायक थाने में खुद हों। इसलिए इस्तीफा दे दिया। ऐसी विधायकी मुझे नहीं करनी है।

इस्तीफा देने की बात से पलटे बीजेपी विधायक

वहीं, इस घटनाक्रम के कुछ घंटे बाद ही ब्रज बिहारी पटेरिया अपनी बात  से पलट गए। उन्होंने कहा कि हमने गुस्से में आकर इस्तीफा दिया था। अब इस्तीफा देने जैसी कोई बात नहीं है। संगठन और सरकार मेरे साथ है। मैं स्पीकर और मुख्यमंत्री के आदेश का मैं पालन करूँगा।

कांग्रेस ने बीजेपी को घेरा

वहीं, इस मामले को लेकर कांग्रेस ने बीजेपी को घेरा है। एक्स हैंडल पर कांग्रेस ट्वीट कर कहा कि विधायक अपने क्षेत्र के एक पीड़ित के लिए थाना केसूली पहुंचे थे, लेकिन पीड़ित की एफआईआर दर्ज नहीं की गई। कांग्रेस ने कहा है कि मध्य प्रदेश में भाजपा के जनप्रतिनिधियों की ही सुनवाई नहीं हो रही है, तो आम जनता फिर क्या ही उम्मीद कर सकती है। 

 

रिपोर्ट- टेकराम

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