मध्य प्रदेश विधनसभा चुनाव के लिए चौथी लिस्ट जारी करते ही बीजेपी ने 2023 की सत्ता में वापसी के अपने इरादे को जाहिर कर दिया है। बीजेपी ने अपनी चार लिस्ट में अभी तक 136 प्रत्याशियों के नाम का ऐलान कर दिया है। रिपोर्ट के आधार पर प्रदेश में एंटी-इनकंबेंसी से निपटने के लिए बीजेपी ने अपने सिटिंग विधायक का भी टिकट काटते हुए 7 सांसदों, तीन केंद्रीय मंत्री और प्रदेश सरकार के 22 मंत्रियों को विधानसभा में पहुंचने का निमंत्रण भेज दिया है।
18 सालों से बीजेपी का दबदबा
9 मंत्री अभी भी कतार में हैं, तो वहीं पिछले 18 साल से सत्ता का सुख भोग रही बीजेपी इस बार मध्य प्रदेश की सत्ता में वापसी के लिए अपना हर राजनैतिक कदम बहुत सोच समझ के साथ बढ़ा रही है, तभी तो सांसदों को विधायक बनाने और दिल्ली से भोपाल बुलाने में भी उसे कोई परहेज नहीं है। वहीं, मध्य प्रदेश के इतिहास में ये पहला मौका है जब दो आदीवासी विधायक की विधानसभा सीट को आपस में अदला बदला गया है।
जयसिंह मरावी कहां से लड़ेंगे चुनाव?
बता दें कि जयसिंह मरावी 2013 में शहडोल जिले की जैतपुर विधानसभा से ही विधायक थे। 2018 के चुनाव में पार्टी ने उन्हें जयसिंहनगर भेज दिया। जयसिंह ने यहां से भी जीत का परचम लहराया था। जयसिंह मरावी मध्य प्रदेश की तीन अलग-अलग विधानसभाओं से बीजेपी के विधायक रह चुके हैं। जैतपुर से वर्तमान में मनीषा सिंह बीजेपी विधायक हैं, जिनका यहां भारी विरोध हो रहा था। बीजेपी की ओर से पूरे प्रदेश में निकाली गई विकास यात्रा और विकास पर्व में भी मनीषा सिंह को अपने विधानसभा क्षेत्र जैतपुर में विरोध का सामना करना पड़ा। कई जगहों पर उन्हें गाड़ी तक से उतरने नहीं दिया गया।
मनीषा सिंह को जयसिंहनगर से बनाया गया प्रत्याशी
विरोध को देखते हुए पार्टी ने जयसिंह मरावी को वापस जैतपुर विधानसभा भेज दिया, तो वहीं जैतपुर से विधायक रहीं मनीषा सिंह को जयसिंहनगर का प्रत्याशी बनाया गया है। अब देखना दिलचस्प होगा कि इन दोनों विधायकों की आपस में सीट बदलने पर एंटी इनकंबेंसी से जुझ रही बीजेपी को कितनी राहत मिलती है और पार्टी इस सीट एक्सचेंज ऑफर के तहत शहडोल जिले की ये दोनों सीट बचाने में कितनी कामयाब होती है।
- शहडोल से विशाल खण्डेलवाल की रिपोर्ट