भोपाल: मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री कौन होगा इसका फैसला भारतीय जनता पार्टी के विधायक दल की बैठक में हो जाएगा। यह बैठक सोमवार शाम 4 बजे बुलाई गई है। बीजेपी के तीनों पर्यवेक्षक मनोहर लाल खट्टर, के लक्ष्मण और आशा लाकड़ा विधायकों से रायशुमारी करेंगे। इसके बाद विधायक दल की बैठक में सीएम के नाम का ऐलान किया जाएगा।
ओबीसी, आदिवासी और महिला चेहरे पर मंथन
राज्य विधानसभा की कुल 230 सीटों में से बीजेपी के 163 विधायकों ने जीत दर्ज की है। जानकारी के मुताबिक पार्टी के अंदर ओबीसी, आदिवासी और महिला चेहरे पर मंथन चल रहा है। इससे पहले वर्ष 2005 के बाद से पार्टी ने कभी मुख्यमंत्री के चुनाव के लिए रायशुमारी नहीं हुई थी। भाजपा ने इस बार 17 नवंबर का विधानसभा चुनाव मौजूदा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को मुख्यमंत्री चेहरे के रूप में पेश किए बिना लड़ा। ऐसा 20 साल बाद हुआ कि पार्टी ने मध्य प्रदेश में चुनाव से पहले अपने मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार का नाम घोषित नहीं किया।
केंद्रीय पर्यवेक्षक सोमवार सुबह 11 बजे भोपाल पहुंचेंगे
एमपी बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वी डी शर्मा ने बताया कि पार्टी के केंद्रीय पर्यवेक्षक सुबह 11 बजे भोपाल पहुंचेंगे। सीएम के चेहरे के सवाल पर उन्होंने कहा कि भाजपा कैडर बेस पार्टी है। नेतृत्व जो निर्णय लेता है वो कार्यकर्ता को शिरोधार्य होता है। केंद्रीय नेतृत्व अच्छा निर्णय लेगा। नरेंद्र मोदी, अमित शाह और जेपी नड्डा तय करेंगे।
शिवराज का सीएम के तौर पर सबसे लंबा कार्यकाल
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, यदि भाजपा शिवराज सिंह चौहान की जगह किसी और को लेती है तो वह किसी अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के मुख्यमंत्री पर ध्यान केंद्रित कर सकती है। चौहान मध्य प्रदेश के सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले मुख्यमंत्री भी हैं। उनके मुताबिक ऐसी स्थिति में प्रह्लाद पटेल मुख्यमंत्री पद के लिए सबसे आगे हो सकते हैं। वह नरसिंहपुर विधानसभा सीट से चुने गए हैं और उन्होंने केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। वह लोधी समुदाय से आते हैं और लोधी अन्य ओबीसी का हिस्सा है।
मध्य प्रदेश में ओबीसी की आबादी 48 प्रतिशत से ज्यादा
इस तथ्य को देखते हुए कि मध्य प्रदेश में ओबीसी की आबादी 48 प्रतिशत से अधिक है। भाजपा नेतृत्व 2003 के बाद से राज्य में शीर्ष पद के लिए ओबीसी नेताओं के साथ गया है। इससे पहले उसने उमा भारती, जो एक लोधी हैं, को आगे बढ़ाया था। एक साल बाद, पार्टी ने एक और ओबीसी, बाबूलाल गौर और फिर 2004 में चौहान पर अपना दांव लगाया । पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, विजयवर्गीय और भाजपा के प्रदेश प्रमुख वी डी शर्मा अन्य संभावित उम्मीदवार हैं। नरेंद्र तोमर का नाम भी मुख्यमंत्री पद के लिए चर्चा में है। वह दिमनी से चुने गए हैं और केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा दे चुके हैं। चारों बड़े दिग्गज पटेल, तोमर, विजयवर्गीय और वी डी शर्मा पहले ही नई दिल्ली में गृह मंत्री और भाजपा के मास्टर रणनीतिकार अमित शाह से मुलाकात कर चुके हैं। उन्होंने भाजपा अध्यक्ष जे.पी.नड्डा से भी मुलाकात की। इन नेताओं ने सार्वजनिक रूप से इस बात से इनकार किया है कि वे मुख्यमंत्री बनने की होड़ में हैं। (इनपुट-भाषा)