मध्य प्रदेश में चुनावी सीजन आते ही दल-बदल का गेम शुरू हो गया है। खबर है कि विधानसभा चुनाव से ठीक पहले नीमच में सिंधिया खेमे के कद्दावर नेता ने कांग्रेस का दामन थाम लिया है। नीमच जिले के जावद विधानसभा क्षेत्र में ये बड़ी सियासी हलचल देखने को मिली है। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के सिपहसालार कहे जाने वाले कद्दावर नेता और भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य समंदर पटेल ने भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल होने की घोषणा कर दी है।
भाजपा में उपेक्षा से तंग आकर लिया फैसला
गौरतलब है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में शामिल होने के साथ ही समंदर पटेल भी भाजपा के हो गए थे। लेकिन भाजपा में उन्हें वह तवज्जो नहीं मिली जिसकी उन्हें अपेक्षा थी। इसकी बड़ी वजह यह भी रही कि जावद के विधायक और प्रदेश के कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा के रहते पटेल को न सरकारी मशीनरी ने और न ही भाजपा संगठन ने तरजीह दी। हालात यह बन गए कि लगातार अपनी उपेक्षा और समर्थकों के साथ हो रहे दुर्व्यवहार से तंग आकर 9 अगस्त को समंदर पटेल ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ से मुलाकात की। लम्बी मंत्रणा के बाद उन्हें कांग्रेस में शामिल करने के लिए कमलनाथ ने सहमति दे दी।
केबिनेट मंत्री सकलेचा पर लगाए गंभीर आरोप
शुक्रवार को जावद में जिला कांग्रेस अध्यक्ष अनिल चौरसिया की मौजूदगी में समंदर पटेल ने प्रेस कांफ्रेंस में कांग्रेस में शामिल होने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि भाजपा में वे घुटन महसूस कर रहे थे। उन्होंने केबिनेट मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप भी लगाए। साथ ही अपने समर्थकों को सकलेचा द्वारा प्रताड़ित करने के मामले भी गिनाए। समंदर ने कहा कि कांग्रेस संगठन उन्हें जो भी जिम्मेदारी देगा वे निष्ठापूर्वक निर्वाह करेंगे।
भाजपा के लिए मुसीबत बन सकते हैं समंदर
समंदर पटेल 18 अगस्त को जावद विधानसभा के कार्यकर्ताओं के साथ सैकड़ों वाहनों का काफिला लेकर भोपाल पहुंचेंगे। इस दौरान वे पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की मौजूदगी में कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण करेंगे। बता दें कि समंदर पटेल पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से बागी प्रत्याशी के रूप में विधानसभा चुनाव लड़े थे, जिसमें उन्होंने 35 हजार वोट हासिल किए थे। लिहाजा इस बार वे भाजपा के लिए मुसीबत खड़ी कर सकते हैं।
(रिपोर्ट- दिनेश नलवाया)
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