नई दिल्ली: भोपाल में सियासी पंडितों के कान उस वक्त खड़े हो गए जब राजनीति के दो धुर विरोधी दिग्गजों की मुलाकात हुई। कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया अचानक पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता शिवराज सिंह चौहान के घर पहुंच गये। दोनों ने आपसी बातचीत का ब्यौरा नहीं दिया और ये कहकर टाल दिया कि ये केवल शिष्टाचार मुलाकात थी।
मुलाकात के बाद शिवराज सिंह चौहान अपने घर के बाहर तक आये और ज्योतिरादित्य सिंधिया को उनकी कार में बिठाया। दोनों ने बेहद सौहार्दपूर्ण माहौल में एक दूसरे का अभिवादन किया। इन तस्वीरों ने कल रात भोपाल के सियासी गलियारों में सरगर्मी तेज कर दी।
सिंधिया से जब यह सवाल किया गया कि चुनाव के दौरान माफ करो महाराज के जुमले पर भाजपा ने जिस तरह प्रचार किया तो उसकी कड़वाहट समाप्त हो गई तो उन्होंने कहा कि मैं ऐसा व्यक्ति नहीं हूं कि जो कड़वाहट लेकर पूरी जिंदगी बिताऊं। रात गई, बात गई। मैं आगे की सोचता हूं। विपक्ष की प्रजातंत्र में उतनी ही भूमिका है, जितनी सत्ता पक्ष की होती है। हम लोगों का भी केंद्र में महत्वपूर्ण योगदान है, जैसा भाजपा का मध्य प्रदेश में है।
इस मुलाकात की कोई जानकारी मीडिया को नहीं दी गई थी लेकिन जब सिंधिया अपने काफिले के साथ शिवराज सिंह चौहान के बंगले में पहुंचे तो वहां मीडिया का भी जमावड़ा लग गया। दोनों नेताओं के बीच काफी देर तक बातचीत हुई लेकिन इस बातचीत का एजेंडा क्या था इस पर किसी ने कुछ नहीं कहा। इस मुलाकात ने भोपाल की एक सर्द शाम में सियासी गर्मी ज़रूर पैदा कर दी।