भोपाल: मध्य प्रदेश में इस साल के आखिरी में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं। यह चुनाव भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस पार्टी दोनों के लिए बेहद ही महत्वपूर्ण हैं। जहां एकतरफ बीजेपी इन चुनावों को जीतकर कांग्रेस से कर्नाटक का बदला और लोकसभा चुनाव के लिए अपने पक्ष में माहौल बनाने के लिए आतुर है तो वहीं कांग्रेस इन चुनावों को जीतकर पूरे देश में आम चुनावों के लिए संदेश देना चाहती है। राज्य में चुनाव स्थानीय मुद्दों और स्थानीय नेताओं के चेहरे पर लड़ा जाएगा और इसके लिए पार्टियों ने तैयारी शुरू कर दी है।
इसी क्रम में रविवार को भोपाल में आयोजित जाट महाकुंभ में सियासी जमावड़ा देखने को मिला। इस महाकुंभ में बीजेपी की तरफ से जहां सीएम शिवराज सिंह चौहान पहुंचे तो वहीं कांग्रेस की तरफ से पूर्व सीएम कमलनाथ इस महाकुंभ में हाजिरी लगाने पहुंचे। यहां दोनों नेताओं ने जाट मतदाताओं को लुभाने के लिए जमकर घोषणाएं और वादे किए। सीएम शिवराज सिंह ने कहा कि चुनावों से जाटों के लिए वीर तेजाजी बोर्ड का गठन किया जाएगा और उनके निर्वाण दिवस पर एच्छिक अवकाश भी होगा।
जाटों के लिए होगा वीर तेजाजी बोर्ड का गठन- शिवराज सिंह
उन्होंने कहा कि उन्होंने पिछले महीने ब्राह्मणों के लिए ब्राह्मण कल्याण बोर्ड का भी गठन किया था। इसी तरह अब जाटों के लिए भी बोर्ड का गठन किया जाएगा। इसके साथ ही जाट समाज का इतिहास भी पढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा कि जाट समाज के लिए भवन के लिए भूमि देने के लिए सरकारी प्रकिया अनुसार कार्यवाई की जायगी। इसके साथ ही विधानसभा चुनाव में जाट समाज के लिए 10 टिकट देने पर उन्होंने कहा कि इस विषय को वह पार्टी फोरम पर रखेंगे और जो भी संभव होगा वह करेंगे।
मैं घोषणा करने में नहीं काम करने में भरोसा करता हूं- कमलनाथ
वहीं कांग्रेस के प्रदेश प्रमुख और पूर्व सीएम कमलनाथ ने शिवराज सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि वह घोषणा मशीन नहीं हैं। वे घोषणा करने में नहीं बल्कि काम करने में विश्वास रखते हैं। उन्होंने कहा कि जब जाटों का अगला सम्मलेन होगा तब वह अपने कामों का हिसाब भी देंगे, क्योंकि वह हिसाब देने से घबराते नहीं हैं। उन्होंने कहा कि मैं आपके समाज समेत पूरे प्रदेश के लिए काम करूंगा और एक-एक काम का हिसाब दूंगा।