Monday, December 23, 2024
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क्यों विवादों में है भोपाल नगर निगम का ये होर्डिंग? जानें दो मछली वाले मोनो की पूरी कहानी

भोपाल नवाबों का शहर माना जाता है। कहा जाता है हैदराबाद के और जूनागढ़ के नवाब समेत भोपाल नवाब ने भारत में विलय से इनकार किया था। इसी दौरान हैदराबाद के निजाम ने भोपाल नवाब को दो मछलियों वाला प्रतीक चिह्न दिया था।

Reported By : Anurag Amitabh Edited By : Khushbu Rawal Published : Nov 05, 2024 21:37 IST, Updated : Nov 05, 2024 21:37 IST
नवाबी काल के निशान...
Image Source : INDIA TV नवाबी काल के निशान (मोनो) का नगर निगम ने किया इस्तेमाल।

भोपाल: शहरों, गलियों, चौराहों और इमारतों के नाम बदलने की प्रक्रिया में साल 2017 में भाजपा सरकार ने भोपाल नगर निगम का हैदराबाद के निजाम द्वारा दिया गया निशान (मोनो) बदलकर नया निशान किया था। अब यही निशान विवाद का केंद्र बन गया है। शहर भर में नगर निगम के नए और पुराने होर्डिंग में अब भी नवाब कई निशान दिखने पर हिंदू संगठन समेत भाजपा पार्षद ने भी आपत्ति उठाई है।

राजधानी भोपाल के तमाम इलाकों के रास्तों की जानकारी देते यह भोपाल नगर निगम के होर्डिंग इन दिनों विवादों में है। वजह है तस्वीरों में दिखाई देने वाला दो मछलियों वाला भोपाल नगर निगम का प्रतीक चिन्ह। जिसे सन 2017 में गुलामी का प्रतीक बताते हुए भोपाल नगर निगम ने बदलकर राजा भोज के नाम पर कर दिया था। मुख्यमंत्री निवास से 100 मीटर दूर लगा रास्ता बताने वाले नगर निगम के होर्डिंग में पुराना निशान दो मछली वाला दिखाई दे रहा है। जब हैदराबाद निजाम द्वारा दिया गया प्रतीक चिन्ह एक बार फिर से होर्डिंग पर दिखाई दिया तो विवाद खड़ा हो गया।  

हैदराबाद के निजाम ने दिया था दो मछलियों वाला प्रतीक चिह्न

भोपाल नवाबों का शहर माना जाता है। कहा जाता है हैदराबाद के और जूनागढ़ के नवाब समेत भोपाल नवाब ने भारत में विलय से इनकार किया था। इसी दौरान हैदराबाद के निजाम ने भोपाल नवाब को दो मछलियों वाला प्रतीक चिह्न दिया था। भारत में शामिल होने से लेकर मध्य प्रदेश बनने तक और भोपाल की राजधानी बनने के बाद भोपाल नगर निगम के प्रतीक चिन्ह के रूप में भी लंबे समय तक दो मछलियों और अशोक चिन्ह वाले इस प्रतीक चिन्ह का इस्तेमाल नगर निगम करता रहा। लेकिन 2017 में महापौर परिषद ने इस प्रतीक चिन्ह को बदलकर राजा भोज की तस्वीर वाला चिन्ह बना दिया था। ऐसे में एक बार जब फिर तमाम जगह पुराना प्रतीक चिन्ह दिखाई दिया तो विवाद खड़ा हो गया। हिंदू संगठन ने इसे गुलामी का प्रतीक और अफसर की मुगलकालीन मानसिकता बताते हुए अफसरों के खिलाफ रासुका लगाने की मांग की।

नगर निगम के होर्डिंग से हटाए जा रहे प्रतीक चिन्ह

विवाद सामने आने और हिंदू संगठन की आपत्ति के बाद अब पूरे भोपाल में नगर निगम के होर्डिंग से प्रतीक चिन्ह हटाए जा रहे हैं। महापौर परिषद के मेयर इन काउंसिल के जगदीश यादव बताते हैं जिस एजेंसी ने यह होर्डिंग लगवाए हैं उसका लाइसेंस निरस्त किया जाएगा और अधिकारियों पर कार्रवाई होगी।

भाजपा शासित नगर निगम और भाजपा के ही पार्षद और हिंदू संगठनों के बीच प्रतीक चिन्ह को लेकर मचे विवाद पर कांग्रेस भी तंज कसते नजर आ रही है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पीसी शर्मा ने कहा कि भाजपा को मुद्दों से मतलब नहीं, हर मुद्दे पर हिंदू-मुस्लिम करते नजर आती है।

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