मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर का हृदयगति रुकने से निधन हो गया है। वह 89 साल के थे। वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे। वह पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे और मंगलवार शाम उनकी तबीयत और गंभीर हो गई थी। मिली जानकारी के अनुसार ब्लड प्रेशर कम होने के साथ पल्स रेट भी गिर गया था।
वे पिछले 14 दिनों से भोपाल के नर्मदा अस्पताल में भर्ती थे और वेंटीलेटर सपोर्ट पर थे। यहीं आज सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली। डॉक्टरों ने बताया कि उनकी किडनी भी पूरी तरह से काम नहीं कर रही थी। पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर के निधन पर प्रदेश में 3 दिन का राजकीय शोक और भोजन अवकाश के बाद अवकाश घोषित किया गया है।
इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिवंगत नेता के निधन पर शोक जताया है।
प्रधानमंत्री ने कहा बाबूलाल गौर जी का लम्बा राजनीतिक जीवन जनता-जनार्दन की सेवा में समर्पित था। जनसंघ के समय से ही उन्होंने पार्टी को मज़बूत और लोकप्रिय बनाने के लिए मेहनत की। मंत्री और मुख्यमंत्री के रूप में मध्यप्रदेश के विकास के लिए किए गए उनके कार्य हमेशा याद रखे जाएंगे।
जीवन परिचय
बाबूलाल गौर 'भारतीय मज़दूर संघ' के संस्थापक सदस्य हैं। बाबूलाल गौर का जन्म 2 जून, 1930 को नौगीर ग्राम, प्रतापगढ़ ज़िला (उत्तर प्रदेश) में हुआ था। वे बचपन से ही भोपाल में रहे। इनके पिता का नाम श्री रामप्रसाद था। बाबूलाल गौर ने अपनी शैक्षणिक योग्यताओं में बी.ए. और एल.एल.बी. की डिग्रियाँ प्राप्त की हैं। श्री गौर पहली बार 1974 में भोपाल दक्षिण विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव में जनता समर्थित उम्मीदवार के रूप में निर्दलीय विधायक चुने गये थे। वे 7 मार्च, 1990 से 15 दिसम्बर, 1992 तक मध्य प्रदेश के स्थानीय शासन, विधि एवं विधायी कार्य, संसदीय कार्य, जनसम्पर्क, नगरीय कल्याण, शहरी आवास तथा पुनर्वास एवं 'भोपाल गैस त्रासदी' राहत मंत्री रहे।