बालाघाट (मप्र): बालाघाट के वारासिवनी स्थित HDFC बैंक के कुछ खाता धारक तब सकते में आ गए जब उन्हें करोड़ो का लेनदेन करने के चलते दिल्ली पुलिस की साइबर सेल का नोटिस मिला। बुदबुदा धानीटोला के मजदूर 4 युवकों के बैंक खाते में करोड़ों रुपए का लेन-देन होने की जानकारी मिलने पर दिल्ली पुलिस ने धानीटोला निवासी कुछ खाता धारकों को नोटिस भेजकर जवाब तलब किया है। बताया जा रहा है कि बुदबुदा निवासी प्रियांश बंजारी एचडीएफसी बैंक में जॉब करता है। उसने अपने ही गांव के कुछ युवाओं से बैंक खाता खोलने का टारगेट पूरा करने के नाम पर डॉक्यूमेंट मांगे थे। उसने जीरो बैलेंस पर खाता खोलकर देने की बात युवाओं से कही गई थी जिस पर मजदूर दोस्त उसकी बातों में आ गए। उन्होंने दोस्त का टारगेट पूरा करने के लिए अपने आधार कार्ड, पैन कार्ड सहित अन्य दस्तावेजों की फोटोकॉपी बैंक में खाता खोलने के लिए उसे दे दी लेकिन उनके खाता खुले या नहीं इसकी कोई जानकारी नहीं दी।
बेगुनाही साबित करने के लिए दर-दर की ठोकर खा रहे युवक
वहीं, ये 4 युवक मजदूरी करने के लिए हैदराबाद सहित अन्य स्थानों पर चले गए। इस दौरान बैंक कर्मचारी ने अपने साथियों के साथ मिलकर युवाओं के बैंक खाते खोले थे। खाता खोलने के बाद उन युवाओं के खाते में लगभग 77 करोड़ रुपये की राशि का लेनदेन हो गया। खाते में करोड़ों रुपये का लेनदेन होते देख जांच एजेंसियां हरकत में आ गई और मामले की छानबीन शुरू कर दी गई। अब युवाओं के खाते में हुए फर्जी लेनदेन को लेकर दिल्ली पुलिस ने कुछ युवाओ को नोटिस भेजकर उनके खाते में हुए लेनदेन को लेकर जवाब मांगा है। दिल्ली पुलिस से नोटिस मिलने पर इन युवाओं में हड़कंप मच गया और वह अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए दर-दर की ठोकर खाने के लिए मजबूर हैं। इन युवकों ने बैंक स्टेटमेंट निकाल कर देखा तो वे भी हैरान है कि जिस खाते की उन्हें जानकारी नहीं और कोई लेन-देन नहीं किया फिर भी करोड़ो का लेन-देन कैसे हो गया।
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HDFC बैंक वारासिवनी संदेह के घेरे में
युवकों ने कलेक्टर कार्यालय में एक ज्ञापन सौंपकर उनके खातों में हुए फर्जी लेनदेन वाले मामले की जांच कराने और मामले दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई किए जाने की मांग की है। हालांकि ये 4 युवक ही नहीं बल्कि और भी ऐसे पीड़ित है जिनके खाते में बोगस लेन-देन हो गया और उन्हें जानकारी ही नहीं है। वारासिवनी स्थित एचडीएफसी बैंक संदेह के घेरे में आ गई है। इस पूरे प्रकरण की वारासिवनी एसडीओपी द्वारा जांच शुरू कर दी गई है।
(बालाघाट से शौकत बिसाने की रिपोर्ट)