भोपाल: उदयपुर में दर्ज मामले और मुंबई में हुई शिकायत के बाद भी बाबा बागेश्वर की हिंदुत्व की हुंकार और हिंदू राष्ट्र बनाने की कवायद कमजोर पड़ते नजर नहीं आ रही है। उदयपुर में दर्ज मामले के बाद बागेश्वर धाम में 2 अप्रैल से लेकर 6 अप्रैल तक गांव गढ़ा में सवा लाख हनुमान चालीसा का पाठ करवाने का ऐलान किया तमाम भक्तो से आने का आव्हान किया गया था। इस आव्हान के बाद अब वहां हर रोज हजारों की संख्या में लोग इकट्ठे होकर हनुमान चालीसा का पाठ कर रहे हैं।
बाबा ने इसके अलावा अपने बयानों के चलते हो रहे विवाद के मद्देनजर साधु संतों के बीच स्वीकार्यता बनी रहे इसके लिए 5 और 6 अप्रैल को मानक सम्मेलन का भी आयोजन किया है। जिसमें बुंदेलखंड और आसपास के सैकड़ों मानस मर्मज्ञ और कथा व्यास जुड़ेंगे और रामचरितमानस के जरिए कैसे सनातन परंपरा को मजबूत किया जाए कैसे हिंदू राष्ट्र बनाने की मुहिम को तेज किया जाए इस पर चर्चा करेंगे।
"सब सुख लहै तुम्हारी सरना तुम रक्षक काहू को डरना"
बनारस समेत आसपास के इलाकों से आए ढाई सौ से ज्यादा पंडित सवा लाख हनुमान चालीसा का पाठ कर रहे हैं। इंडिया टीवी से बातचीत के दौरान पंडितों ने कहा हमारा मकसद हिंदू राष्ट्र बनाना है हनुमान चालीसा के जरिए जैसे हनुमान जी ने लंका फतह की थी हम हिंदू राष्ट्र बनवा लेंगे। इंडिया टीवी द्वारा पूछे जाने पर कि बाबा बागेश्वर के खिलाफ उदयपुर में मामला दर्ज हुआ है मुंबई में शिकायत दर्ज हुई है हनुमान चालीसा कर रहे पंडितों ने कहा "सब सुख लहै तुम्हारी सरना तुम रक्षक काहू को डरना।"
'यज्ञ के जरिए विरोधी खत्म हो जाएंगे'
वही दूसरी तरफ यज्ञशाला में 11 बनारस से आए पंडित यज्ञ करवाते नजर आ रहे हैं। देश प्रदेश के यजमान हनुमान प्रकट उत्सव के मौके पर यज्ञशाला में यज्ञ की आहुति देने आए हैं। इंडिया टीवी से बातचीत के दौरान प्रदीप राठी ने कहा हमारा मकसद साफ है कि बाबा बागेश्वर ने हिंदू राष्ट्र की कल्पना की है वह पूरी हो इसी के लिए हम यज्ञ करने आए हैं। वहीं पूछे जाने पर बाबा के खिलाफ उदयपुर में मामला दर्ज हुआ है लगातार शिकायतें भी दर्ज हो रही हैं यजमान का कहना था यज्ञ के जरिए विरोधी खत्म हो जाएंगे।
दरअसल बीते कुछ महीनों में बाबा के भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने, रामचरितमानस को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित करने,लव जिहाद के खिलाफ, धर्मांतरण पर बयानों के चलते विरोध दिखाई दे रहा था जिसके चलते बाबा ने हिंदू भक्तों के साथ संत समाज में भी स्वीकार्यता बनी रहे इसलिए शक्ति प्रदर्शन शुरू किया। सबसे बड़ा शक्ति प्रदर्शन बाबा ने 13 से लेकर 19 फरवरी तक बागेश्वर धाम यानी गांव गढ़ा में संत सम्मेलन करके किया। इससे पहले बाबा बागेश्वर प्रयागराज गए तमाम संतों से मिले आने का निमंत्रण दिया। बाबा हरिद्वार भी गए जहां उनके बुलावे के बाद आचार्य बालकृष्ण गांव गढ़ा पहुंचे।
7 दिनों तक चले शक्ति प्रदर्शन में बाबा बागेश्वर में न केवल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बल्कि पूर्व मंत्री कमलनाथ से भी दरबार की हाजिरी भरवाई। बाबा इसके बाद टीकमगढ़ गए निवाड़ी गए मुंबई उदयपुर और जबलपुर गए, जहां पर भारी भीड़ ने उनके हिंदू राष्ट्र के एजेंडे को समर्थन दिया लेकिन उसके बाद उदयपुर में उनके दिए गई बयान 'कुंभलगढ़ किले में जहां 100 हरे झंडे लगे हैं वहां भगवा झंडा लगाओ' पर उनके खिलाफ मामला दर्ज हुआ वही मुंबई में साईं बाबा पर उनकी टिप्पणी को लेकर शिकायत भी दर्ज हुई थी।
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