मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और उनके सांसद बेटे नकुलनाथ ने छिंदवाड़ा में बागेश्वर धाम के पीठाधीश धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के हनुमत कथा कार्यक्रम का आयोजन कराया था। इस कार्यक्रम में भी बाबा बागेश्वर ने हिंदू राष्ट्र की बात की। इसके बाद कमलनाथ ने इस मामले पर सफाई देते हुए कहा था कि हिंदू राष्ट्र कहने की बात नहीं है। इस देश में हिंदुओं की आबादी सबसे ज्यादा है। आंकड़े यही कहते हैं। इसलिए हिंदू राष्ट्र कहने का कोई मतलब नहीं है। बाबा बागेश्वर के कार्यक्रम के बाद मध्य प्रदेश कांग्रेस दो धड़ों में बंट चुकी है। इस मामले में अब नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।
हिंदू राष्ट्र पर कांग्रेस में तकरार
नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने इस मामले पर कहा कि क्या केवल भाजपा ने ही हिंदुत्व का और सनातन का ठेका ले रखा है। कमलनाथ जी ने 15 साल पहले मंदिर बनवाया था। वहां वह पूजा पाठ करते हैं, उनकी आस्था है। उन्होंने कहा, 'कांग्रेस पार्टी में कोई तानाशाही नहीं है। हर व्यक्ति को अपनी बात कहने का अधिकार है। मैं उस मंच पर नहीं जाऊंगा जहां हिंदू राष्ट्र की बात होती है। मैं संविधान को मानने वाला हूं और सर्व धर्म का आदर करता हूं। हिंदू राष्ट्र बनने के बात संविधान विरोधी है। जब संविधान समाप्त हो जाएगा तब आम आदमी और गरीब आदमी को न्याय मिलना ही बंद हो जाएगा।'
नेता प्रतिपक्ष बोले- यह संविधान विरोधी
नेता प्रतिपक्ष ने कहा, 'डॉ. भीमराव अंबेडकर जी की अध्यक्षता में जो संविधान बना है, उसके विपरीत में कोई काम करने में मैं सहमत नहीं हूं। मैं ज्यादा संत-महात्माओं के चक्कर में नहीं रहता। हम साधु-संतों के माध्यम से हम हॉटलाइन पर भगवान से जुड़े हैं।' उन्होंने कहा कि मैं कमलनाथ जी से अनुरोध करूंगा कि सुंदरकांड और भगवद्गीता के अलावा कांग्रेस कार्यालय में मुशायरा भी कराया जाए और सिख, जैन, बौद्ध व सभी धर्मों के लोगों को बुलाया जाए। इस मामले पर कैबिनेट मंत्री विश्वास सारंग का कहना है कि कांग्रेस का हर व्यक्ति राम जी और हनुमान जी के चरणों में आएं तो सद्बुद्धि मिलेगी।