छिंदवाड़ा (मप्र): बागेश्वर सरकार का इन दिनों मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेसी नेता कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा में दरबार सजा हुआ है। आज पंडित धीरेंद्र शास्त्री दिव्य दरबार के जरिए अपने भक्तों की समस्या का समाधान करेंगे। कमलनाथ के गढ़ में हुनमंत कथा के यजमान खुद कमलनाथ और उनके बेटे नकुलनाथ हैं। कमलनाथ के इस हिन्दुत्व कार्ड से बीजेपी भी हैरान है। पहले मोरारी बापू और अब धीरेंद्र शास्त्री की कथा कराकर कमलनाथ मध्य प्रदेश चुनाव से पहले बड़ा सियासी टारगेट सेट करने की कोशिश की है।
कमलनाथ का 'बजरंग बाण', एक तीर से 2 निशाने
कमलनाथ भी बाबा से आशीर्वाद पाने के लिए बेचैन हैं क्योंकि साल चुनावी है ऐसे में कमलनाथ की चाह सियासी आशीर्वाद की है। हवा देखकर सियासत का रुख बदलने में माहिर कमलनाथ बाबा बागेश्वर के सहारे अपना सियासी एजेंडा सेट करने में लगे हैं। वो एक तीर से दो निशाने लगा रहे हैं। एक विधानसभा चुनाव में जीत दर्जकर सत्ता में वापसी हो जाए। साथ ही अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में बेटे का सियासी भविष्य मजबूत करना।
चुनाव में होगा चमत्कार!
बात करें तो मध्य प्रदेश में 20 आदिवासी बाहुल्य जिले हैं जहां कुल 84 विधानसभा सीटों पर आदिवासी वोटर जीत के सबसे बड़े फैक्टर हैं। 2013 में इन 84 में 59 सीट बीजेपी ने जीती थी लेकिन 2018 में ये ग्राफ घटकर 34 पहुंच गया और बीजेपी सत्ता से बाहर हो गई। कांग्रेस इसी स्ट्राइक को बरकरार रखना चाहती है और इसीलिए आदिवासी समाज के नाम पर बाबा का दरबार सजाया गया है। मध्य प्रदेश में साल के आखिर में चुनाव हैं ऐसे में नकुलनाथ को राम और हनुमान दोनों एक साथ याद आ रहे हैं। हालांकि नकुलनाथ सभी धर्मों की बात करके कांग्रेस को हिंदूवादी पार्टी के टैग से भी बचाने में लगे हैं।
कमलनाथ की लगेगी अर्जी?
बागेश्वर सरकार अपनी हर कथा में हिंदू राष्ट्र और राम राज्य लाने का दावा करते हैं लेकिन नकुलनाथ से साफ कर दिया कि बाबा बागेश्वर की छिंदवाड़ा में केवल कथा हो रही है। बाबा के हिंदू राष्ट्र के एजेंडे से कांग्रेस का लेना देना नहीं है। आज बाबा का दिव्य दरबार लगने जा रहा है ऐसे में कमलनाथ की यही अर्जी लगी है कि एक बार फिर उन्हें मध्य प्रदेश के सीएम की कुर्सी मिल जाए।
पहली बार 'कांग्रेस आयोजित' कथा में आए धीरेंद्र शास्त्री
गौरतलब है कि हिंदुत्व और सनातन का झंडा बुलंद करने वाले धीरेंद्र शास्त्री से अब तक सिर्फ बीजेपी से जुड़े नेता ही कथा करवा रहे थे लेकिन यह पहली बार है जब कांग्रेस का कोई बड़ा नेता धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की कथा का आयोजन करवा रहा हो। इससे पहले शिवराज कैबिनेट के मंत्री गोविन्द सिंह राजपूत और हरदीप सिंह डंग धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की कथा करवा चुके हैं। वैसे भी चुनावी साल में मध्य प्रदेश की सियासत में संतों के आयोजनों की बाढ़ सी आई हुई है। भोपाल में शिवराज के ही कैबिनेट मंत्री विश्वास सारंग पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा करवा चुके हैं। इसके अलावा कांग्रेस धर्म एवं उत्सव प्रकोष्ठ की अध्यक्षा ऋचा गोस्वामी के ज़रिये हर विधानसभा में कथाओं का आयोजन करवा रही है।
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