बुरहानपुर: मध्य प्रदेश में जंगल माफिया और जंगल में अतिक्रमण करने वाले अतिक्रमणकारियों के हौसले कितने बुलंद हो गए हैं इस बात का अंदाजा बुरहानपुर के नेपानगर के थाने में हुई एक घटना से लगाया जा सकता है। जहां देर रात बेखौफ होकर 60 से ज्यादा अतिक्रमणकारियों ने न केवल पुलिस थाने पर हमला किया बल्कि पुलिस कर्मियों के साथ मारपीट भी की। जिसमें 3 पुलिसकर्मी घायल हो गए। इतना ही नहीं अतिक्रमणकारियो ने 2022 में चौकी से बंदूकें लूटने के आरोपियों को, जिन्हें पुलिस ने महज एक दिन पहले ही गिरफ्तार किया गया था,उन्हें भी इस हमले के दौरान छुड़ा लिया।
2 दिन पहले ही एक आरोपी को किया गया था गिरफ्तार
दरअसल 2 दिन पहले पुलिस ने 28 नवंबर 2022 को वन चौकी बाकडी में वन भूमि पर अतिक्रमण कर कब्जा जमाने वाले आरोपियों ने चौकी के सुरक्षाकर्मी के साथ मारपीट करके चौकी के शस्त्रागार में रखी बंदूक और कारतूस लूट लिए थे। इस मामले में चौकी के सुरक्षाकर्मी भोला बारेला ने थाना नेपानगर में मामला दर्ज कराया था, जिसके बाद पुलिस ने घटना के चार आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार कर लिया था। पांचवे आरोपी हेमा मेघवाल को पुलिस ने कल गिरफ्तार किया था।
घटना के वक्त थाने में मौजूद थे केवल 4 पुलिसकर्मी
इसी पांचवे आरोपी हेमा बाखड़ी को छुड़ाने के लिए हमलावर सुबह तीन बजे नेपानगर थाने पहुंचे। इन्होने न केवल उन्होंने पुलिसकर्मियों की पिटाई की बल्कि पुलिस की गाड़ियां भी तोड़ दी और अपने साथ हेमा मेघवाल समेत दो और लोगों को छुड़ा कर ले गए। घटना के बाद पुलिस ने भारी पुलिस बल तैनात कर दिया है, जिस समय ये 60 से ज्यादा अतिक्रमण कारी थाने में मारपीट कर रहे थे उस समय थाने में से चार पुलिसवाले मौजूद थे। अतिक्रमणकारियों के इस हमले में एएसआई गुलाब सिंह अजय मालवीय और एक और पुलिसकर्मी घायल हुआ जिनका अस्पताल में इलाज किया जा रहा है।
3 लोगों को अपने साथ ले गए हमलावर
बुरहानपुर एसपी राहुल कुमार लोढ़ा ने बताया कि देर रात हेमा बाखड़ी 2022 में हुई बंदूक लूट मामले में आरोपी जिसे पुलिस ने कल पकड़ा था उसे छुड़ाने के कुछ लोगों ने नेपानगर थाने में आकर हमला किया और हेमा के साथ-साथ मगन पटेल और एक शख्श अनिल को मिलाकर 3 लोगों को छुड़ा कर ले गए हैं। हम सारे सीसीटीवी फुटेज देख रहे हैं और भी चीजों पर डिस्कशन चल रहा है। प्लान तैयार हो रहा है और जल्द ही अतिक्रमणकारियों के खिलाफ जिन्होंने यह कार्रवाई की है उनके साथ सख्त एक्शन लिया जाएगा।
ऐसी घटना पहली बार नहीं हुई है
दरअसल यह पहली बार नहीं है जब बुरहानपुर में जंगल पर कब्जा करने वाले अतिक्रमणकारियों के हौसले इतने बुलंद देखे जा रहे हो। यह अतिक्रमण कारी लंबे समय से अवैध कटाई करके खेती और मकान के लिए जमीन बना रहे हैं। 2 सालों में अब तक पुलिसकर्मियों समेत प्रशासन पर 5 से ज्यादा बार हमले हो चुके हैं। इसी के चलते वन विभाग कार्यवाही करता तो दूर निरीक्षण करने के लिए भी जंगलों के अंदर नहीं जाता है। बीते दिनों सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने जंगल पर कब्जा छुड़ाने गई पुलिस और प्रशासन की टीम समेत ग्रामीणों पर तीर गोफन से हमला किया था। जिसके चलते पुलिसकर्मियों समेत 15 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे इस दौरान अतिक्रमणकारियों ने पुलिस के कई वाहनों में तोड़फोड़ की थी जिसके बाद जिला प्रशासन के अमले को वापस आना पड़ा।
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