इलेक्शन कमीशन ने मध्यप्रदेश में होने वाले चुनाव की तारीख का ऐलान कर दिया है। इलेक्शन कमीशन ने आज एक प्रेस कांफ्रेंस के जरिए इस बात की घोषणा की है। इलेक्शन कमीशन ने बताया कि मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव 17 नवंबर को होगा और इसके नतीजे 3 दिसंबर को जारी किए जाएंगे। इलेक्शन कमीशन ने मध्य प्रदेश के अलावा 4 अन्य राज्यों के भी चुनावी तारीख का ऐलान किया है। तारीखों के ऐलान के साथ ही पूरे राज्य में आचार संहिता लागू हो गया है। इलेक्शन कमीशन ने आगे बताया कि मध्य प्रदेश के अलावा राजस्थान में 23 नवंबर, तेलंगाना 30 नवंबर, छत्तीसगढ़ में 7 और 17 नवंबर और मिजोरम में 7 नवंबर 2023 को चुनाव होंगे। वहीं, सभी राज्यों के नतीजे एक ही दिन यानी 3 दिसंबर को जारी किए जाएंगे।
जानें राज्य में कुल कितने वोटर?
इलेक्शन कमीशन के मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने प्रेस कांफ्रेंस में जानकारी देते हुए बताया कि राज्य में 148 जनरल, 35 एससी और 47 एसटी के लिए सीटें तय हैं। वहीं राज्य में इस बार 60 लाख नए वोटर जुड़े हैं। चुनाव आयुक्त ने बताया कि पांचों राज्यों में 2900 कर्मचारी चुनाव कराएंगे। जानकारी के लिए बता दें कि कुल सीट 230 विधानसभा सीटें हैं। ऐसे में किसी भी पार्टी को बहुमत के लिए 115+ सीट चाहिए। राज्य में कुल 5 करोड़ 61 लाख 36 हजार 239 वोटर हैं। मध्य प्रदेश में बीते 5 साल में दो सरकारें बनी हैं एक कांग्रेस की और दूसरी बीजेपी की। जब 2018 के चुनावी नतीजे सामने आए तो 15 साल बाद कांग्रेस की सरकार बनी जो 15 महीने तक ही चल सकी। फिर इसके बाद राज्य में बीजेपी के सत्ता वापसी हुई।
पिछले चुनाव में किस पार्टी को कितनी सीट मिली?
साल 2018 के विधानसभा चुनाव बेहद दिलचस्प रहा था। प्रदेश की 230 सीटों में से कांग्रेस को बहुमत से 2 कम 114 सीटें हासिल हुईं थी, जबकि बीजेपी के 109 सीटें ही मिली थीं। हालांकि दिलचस्प ये था कि बीजेपी को वोट परसेंटेज 41 फीसदी और कांग्रेस को 40.9 फीसदी मिले थे। फिर कांग्रेस ने बीएसपी, एसपी और अन्य पार्टियों के साथ मिलकर सरकार बनाई और कमलनाथ सूबे के मुख्यमंत्री पद पर आसीन हुए। बता दें कि साल 2018 के विधानसभा नतीजे 11 दिसंबर को आए थे।
फिर शिवराज बने सीएम
इसके बाद कमलनाथ ने मार्च 2020 तक सरकार चलाई। इस बीच उनके विधायक उनके फैसलों से नाखुश हुए और बगावत कर दी। इसके बाद 11 मार्च को सिंधिया ने बीजेपी का दामन थाम लिया। इसके बाद राज्य का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा और कोर्ट के आदेश पर 20 मार्च 2020 को फ्लोर टेस्ट होना तय हुआ, जिसके बाद कमलनाथ ने दोपहर में ही खुद सीएम पद से इस्तीफा दे दिया और इसके साथ ही कांग्रेस सरकार गिर गई। फिर 23 मार्च को बीजेपी के शिवराज सिंह चौहान ने नए सीएम के रूप में शपथ ली। वर्तमान की बात करें तो मध्यप्रदेश के 230 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के 127, कांग्रेस के 96, निर्दलीय 4, 2 बीएसपी और 1 समाजवादी पार्टी के विधायक हैं।
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