मध्य प्रदेश के नीमच में भ्रष्टाचार के खिलाफ जांच की मांग के हजारों आवेदन और सबूतों के दस्तावेज देने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होता देख गांव के एक शख्स ने इस बार अफसरशाही और सत्ता को जगाने का अनोखा तरीका अपनाया। शिकायतकर्ता ने आवेदनों और सबूतों के कागजों की लंबी माला खुद पर लपेटकर जमीन पर रेंगता हुआ कलेक्ट्रेट पहुंचा, जहां भ्रष्टाचार के अजगर के अंत के लिए नवागत कलेक्टर से उसने जांच और सख्त कारवाई की मांग की।
मुख्यमंत्री को भी अवगत कराया
बता दें पड़ोसी मंदसौर जिले में भी इसी तरह एक पीड़ित किसान समस्या की सुनवाई नहीं होने पर जनसुनवाई में जमीन पर लौटता हुआ पहुंचा था। सरकार तक मामला पहुंचा तो कलेक्टर नप गए थे। दरअसल, नीमच जिले की पंचायत कांकरिया तलाई में निर्माण और विकास कार्यों के नाम पर तत्कालीन सरपंच और उसके पति पर करोड़ों के भ्रष्टाचार के आरोप गांव के मुकेश प्रजापत द्वारा लगातार लगाए जा रहे हैं। मुकेश का कहना है कि उसने तथ्यों के साथ लोकायुक्त को भी शिकायत की। मुख्यमंत्री को भी अवगत कराया, लेकिन नीमच प्रशासन से लेकर शासन तंत्र कोई कार्रवाई नहीं कर रहा।
कांकरिया तलाई में सवा करोड़ का भ्रष्टाचार
उसका कहना है कि केवल कांकरिया तलाई में सवा करोड़ का भ्रष्टाचार हुआ, जिसके प्रमाण पेश किए, लेकिन जनपद और जिला पंचायत जांच में भी भ्रष्टाचार कर रहे हैं। मुकेश ने तत्कालीन जिला पंचायत सीईओ गुरु प्रसाद के भी भ्रष्टाचार में लिप्त होने के आरोप लगाए और ईडी की जांच की मांग की। 7 सालों में सुनवाई नहीं हुई तो कलेक्ट्रेट में मुकेश प्रजापत आवेदनों की पूंछ बनाकर अजगर की तरह रेंगता हुआ आया, तो उसके कपड़े भी फट गए, जबकि तमाशबीनों की भारी भीड़ जुट गई।
मुकेश जिले ने नवागत कलेक्टर हिमांशु चंद्रा को पूरा मामला बताया। कलेक्टर ने दोबारा पूरे मामले की जांच के निर्देश दिए। बहरहाल, मुकेश भ्रष्टाचार के अजगर के एक प्रतीक के रूप में सरकारी तंत्र को चेताने आया कि समय रहते कार्रवाई नहीं हुई तो यह अजगर व्यवस्था को निगल जाएगा। (रिपोर्ट- दिनेश नलवाया)
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